भारतीय स्टेट बैंक पिपलधार का एटीएम एवं स्वीप मशीन कई महीनों से बंद खाता धारक परेशान बैंक का नही ध्यान
शमशाबाद : विश्वदीप यादव पिपलधार- विदिशा जिले के ग्राम पिपलधार में भारतीय स्टेट बैंक की शाखा है जिसमे खाता धारको को नहीं मिल रहा डिजिटल लेनदेन का लाभ आज भारत देश दुनिया में डिजिटल में सबसे आगे चल रहा है लेकिन भारतीय स्टेट बैंक पिपलधार में डिजिटल लेनदेन का ग्राहकों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है कैश निकासी पर एटीएम स्वपी मशीन लगी रहती है लेकिन ये मशीन भी कई महीनों से बंद है इस मशीन से 40 हजार के लगभग डिजिटल कैश निकासी काउंटर से लेनदेन हो जाता है लेकिन ये स्वीप मशीन बंद होने से ग्राहकों को बैंक की लाइन में लगकर पैसा निकालना पड़ता है पिपलधार बैंक से लगभग 50 गॉव से ज्यादा के किसान जुड़े हुए है लेकिन बैंक द्वारा उनको कोई डिजिटल सेवा का लाभ नहीं मिल रहा है आज के डिजिटल इंडिया में हर एक खाता धारक के पास एटीएम रहता है लेकिन पिपलधार में भारतीय स्टेट बैंक का एटीएम कई महीनों से बंद पड़ा है इस और ना बैंक का ध्यान है ना किसी अधिकारी का रोज कई ग्राहक एटीएम मशीन पर पैसे निकालने जाते है लेकिन एटीएम बंद देखकर मायुश होकर लोट जाते है बैंक स्टाप का रवैया भी बिल्कुल ठीक नहीं है ग्राहक बैंक जाते है सरकारी योजनाओं की जानकारी लेने के लिए लेकिन बैंक स्टाप द्वारा कोई जानकारी नहीं दि जाती है जो लोग स्टाप के जान पहचान बाले है बस उनको ही सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है बाकि ग्रामीण लोगो को कोई लाभ नहीं मिल रहा है वरिष्ठ अधिकारीयों को इस और ध्यान देकर ग्रामीण लोगो को योजनाओं का लाभ दिलवाना चाहिए।
अधिकतर एटीएम बंद पड़ा रहता है हमको एटीएम की सुविधा नहीं मिल पाती है मैं आज ही एटीएम गया था लेकिन एटीएम बंद था ब्राँच मैनेजर को ध्यान देना चाहिए जिससे बैंक के ग्राहक परेशान ना हों।
वीरेंद्र मीणा किसान भैरोंबाग
भारतीय स्टेट बैंक पिपलधार का एटीएम अधिकतर बंद ही रहता है में पैसे निकालने गया था क्योंकि मुझे डीजल भरवाना था लेकिन एटीएम जाकर देखा तो एटीएम बंद था मैं किसान हूँ और मुझे बहुत जरूरत थी पैसे की लेकिन एटीएम बंद ही रहता है। अर्जुन चौकसे किसान पिपलधार मेरे द्वारा एटीएम बंद होने की जानकारी एटीएम डिपार्टमेंट को भेज दी गई है एटीएम बंद ही है मेने भी जाकर देखा है ग्राहक भी परेशान हों रहे है। विवेक मीना ब्रांच मैनेजर भारतीय स्टेट बैंक पिपलधार
रिपोर्टर : प्रयास विश्वकर्मा
No Previous Comments found.