नीतीश के बिना भी तेजस्वी की बन सकती है सरकार, इस समीकरण से सत्ता पर कर सकते हैं कब्जा

बिहार की सियासत में एक बार फिर से भूचाल आ गया है। भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल की बैठक लगातार जारी है। भाजपा जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने पाले में खीचने में जान झोंक रही है। तो वही दूसरी तरफ RJD भी सरकार बचाने के खातिर हरसंभव प्रयास कर रही है। हालांकि तेजस्वी यादव चाहें तो एक समीकरण के तहत अपनी सरकार को गिरने से बचा भी सकते हैं।

बिहार के सीएम नीतीश कुमार द्वारा परिवारवाद पर हमला बोलने के बाद महागठबंधन में दरार आ गई है। नीतीश कुमार जहां कड़ा रुख दिखा रहें है .तो वहीं अब तेजस्वी यादव भी मुख्यमंत्री से दूरी बनाते हुए दिख रहें हैं। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के साथ चाले जाते हैं तो फिर महागठबंधन की सरकार का क्या होगा? क्या तेजस्वी यादव फिर से सरकार बना सकते हैं या नहीं ?तो चलिए जानते है कि किस समीकरण के तहत तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के बिना भी सरकार बना सकते है?

बिहार का मौजूदा समीकरण

वर्तमान समय में बिहार विधानसभा कुल 243 सदस्य मौजूद है यानी कि 243 सदस्य वाला सदन है। और बिहार में सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों की आवश्यकता होती है। वर्तमान समय में लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल 79 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में कायम है।और अगर भाजपा की बात की जाये तो वह 78 विधायकों के साथ दूसरे नंबर पर है। यानी RJD और BJP दोनों अकेले दम पर सरकार नहीं बना सकती। इसलिए इन दोनों को नीतीश कुमार की जरूरत है।

इस तरह से तेजस्वी यादव बना सकते हैं सरकार

अब चलिए यह समझते हैं कि तेजस्वी यादव ,नीतीश कुमार के बिना अपनी सरकार कैसे बना सकते हैं। और तेजस्वी यादव अपनी सरकार कैसे बचा सकते हैं। दरअसल, तेजस्वी यादव की राष्टीय जनता दल के पास कुल 79 सीटें हैं। और महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के पास 19 और साथ ही लेफ्ट के 16 विधायक भी हैं। और अगर इन सभी को एक में मिलाया जाये तो कुल 114 सीटें हो जाएंगी।अब आरजेडी को अपनी सरकार बनाने के लिए केवल 8 सीटों की जरूरत होगी।और यदि राष्ट्रीय जनता दल जीतन राम मांझी की पार्टी को मनाने में सफलता हासिल कर लेती है तो फिर 4 सीट और आ जाएगी। जिससे पार्टी 118 पर पहुंच जाएगी .साथ ही अगर ओवैसी की पार्टी का एक विधायक भी समर्थन कर दे तो यह आंकड़ा 119 हो जाएगा। फिर RJD को केवल 3 सीट की जरूरत पड़ेगी। अब यहां से मुश्किलें खड़ी होती हैं। लेकिन इसका भी समाधान हो सकता है।मान लीजिए अगर बीजेपी और जेडीयू के छह विधायक इस्तीफा दे दें तो बिहार विधानसभा में 237 सीटें बहुमत के लिए चाहिए होगी जिसके बाद तेजस्वी यादव आसानी से सरकार बना सकते हैं।

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