रुद्रपुर में कांग्रेस में विधिवत वार्ड पार्षद उम्मीदवारों की घोषणा से पूर्व ही बड़ी बगावत की आंशका

रुद्रपुर :  यू तो ऊधम सिंह नगर में जिला कांग्रेस कमेटी सिसक सिसक सांसें ले रही है, जिला मुख्यालय रुद्रपुर में कांग्रेस बद से बद्तर हालत में है यह मामला किसी से छुप हुआ नहीं है बल्कि इस बात का जिक्रो खास आम है वहीं अब कांग्रेस एक नये विवादों में घिरती नजर आ रही अब इसे क्या कहा मसलन सर मुंडाते ही ओले पड़ जाना मान लीजिए विश्वनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के वार्ड प्रत्याशी कुछ अपवाद को छोड़कर कर बाकी प्रत्याशी लगभग तय कर दिए गए हैं जिनकी औपचारिक घोषणा बाकी है प्रत्याशी तय हो जाने की और कुछ नामों को तय कर देने की सूचना ओपन हो जाने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश फूट पड़ा है सूत्रों के मुताबिक रविन्द्र नगर के वार्ड में तो ऐसे व्यक्ति को टिकट देने की बात सामने आई है जो भाजपा में सक्रिय राजनीति करता है और अभी तक कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण तक नहीं की जिससे कांग्रेस पार्षद पद का उम्मीदवार बनाने की तैयारी कर चुकी हैं और यह चर्चा आम है कि कांग्रेस एक बाहरी उम्मीदवार को वो भी भाजपा कार्यकर्ता को कांग्रेस से टिकट लेने में सफल हो जाए और वो भी कांग्रेस में काम करने वालों से राय तक न लेकर कांग्रेस ऐसे व्यक्ति को टिकट क्यों दे रही है, एक भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता को वो भी कही की ईट कही का रोड़ा भन मत्ती ने कुनबा जोड़ा वाली कहावत को कांग्रेस आखिर क्यों सिद्ध करना चाहती है,यह तथाकथित प्रत्याशी वार्ड में जाकर लोगों को आशीर्वाद भी मांग रहे हैं उक्त वार्ड से ताल्लुक रखने वाले स्थानीय कार्यकर्ताओं का स्पष्ट कहना है कि हम सब घर बैठ जाएंगे और कांग्रेस के लिए कोई काम ऐसी स्थिति में नहीं करेंगे अब सवाल यह है कि क्या कांग्रेस को प्रत्याशी ही नहीं मिल रहे हैं जो दूसरे दलों के लोगों को टिकट दिए जा रहे हैं? इसके अलावा भी चंद चापलूस लोगों की चापलूसी से भी कांग्रेस में अंतर विरोध बड़े स्तर पर पनपने की संभावना है कांग्रेस के एक बुजुर्ग नेता का तो यहां तक कहना है कि टिकटो पर विचार करने के दौरान किसी भी अनुभवी और वरिष्ठ नेता को प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया चंद दागी और चम्मचों छवि के लोगों की राय पर टिकटों का बंटवारा तय कर दिया गया जिसको वरिष्ठजन अपने अपमान से जोड़ कर देख रहे हैं उल्लेखनीय है कि कांग्रेस में अनेक ऐसे दावेदारों की लंबी फेहरिस्त थी जो अपने दम पर चुनाव जीतने में सक्षम है इन्होंने कांग्रेस से सिंबल पर चुनाव जीतने में अहम् भूमिका निभाई है और सिंबल के लिए पार्टी से आवेदन भी किए लेकिन प्राप्त जानकारी के मुताबिक उसको टिकट न देकर ऐसे लोगों को प्रत्याशी को टिकट देने का मंसूबा बना दिया जिनका कांग्रेस से दूर से दूर तक कोई ताल्लुक नहीं है जो महज गिने-चुने मतों में सिमट कर रह जाएंगे आखिर स्थानीय कांग्रेस नेतृत्व ऐसा करके खुद ही पार्टी के लिए भस्मासुर की भूमिका के पर काम क्यों कर रहा है यह बड़ा सवाल है,एसी कक्षो में बैठकर बिना किसी जमीनी हकीकत को जाने कांग्रेस के जिम्मेदार अगर टिकट वितरण चापलूसों के कहने पर कर रहे हैं तो आत्मघाती साबित होगा,असल बगावत तो टिकट की विधिवत घोषणा के बाद होने के आसार दिखाई दे रहे हैं जिसे संभाल पाना स्थानीय अनुभवहीन पार्टी नेतृत्व के लिए बेहद मुश्किल होगा, शायद पार्टी के जिम्मेदारों के मन में एक बात पेवस्त हो गई है कि जो वार्ड प्रत्याशी जीताऊ स्थिति में है तो वो अपने ही दम पर जीत जाएंगे और जो प्रत्याशी हारने वाले हैं उसे हम जीत नहीं सकते, इसलिए टिकट वितरण पर चापलूसी के आधार पर किया जा रहा है,यह जीत का सेहरा तो अपने सर बांध लेंगे और हारने की जिम्मेदारी किसी ओर पर डालने के लिए अभी से किसी को तलाश जाने की योजना प्रकिया में शुरू कर दी गई है,कुल मिलाकर मनमानी से टिकट वितरण के पार्टी में बड़े स्तर पर बग़ावत होने की संभावना से निजात पाना मुश्किल होगा और कांग्रेस की जानी दुश्मन भाजपा ऐसे मौके को भुनाने में माहिर हैं

रिपोर्टर : एम सलीम खान 

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