आनंदपुर थाना के मेहियासिमर में सोहराय पर्व धूमधाम से मनाया गया

बांका - जिले के आनंदपुर ओपी क्षेत्र के मेहियासिमर आदिवासी बाहुल्य गांव में धूमधाम से सोहराय पर्व रविवार को मनाया गया। यह पर तीन दिनों से चल रहा है और इसकी समाप्ति पांचवें दिन मकर संक्रांति को समाप्त हो जाएगी। रविवार को पूरे विधि विधान के साथ पर्व की शुरुआत की गई। सोहराय पर्व में गांव के प्रधान के द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में चांदन के पूर्व प्रमुख बेचू यादव को आमंत्रित किया गया था।
         बेचू यादव ने अपने क्षेत्र के आदिवासी भाइयों को सम्मान देते हुए इस महापर्व में उपस्थित होकर सोहराय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह  पर्व भाई बहन का प्रेम एवं प्राकृतिक संम्पदा , लखी पूजा से जुड़ा हुआ है। इसमें बड़ी बहन को विशेष भाई के द्वारा सम्मान के साथ प्रेम दर्शाते हैं।
          मेहियासिमर गांव के प्रधान छोटेलाल ने कहा कि दीपावली के वक्त जिस तरह लक्ष्मी पूजा होता है उसी तरह जनवरी के 5 तारीख से हम आदिवासी बाहुल्य गांव में सोहराय पर्व प्रारंभ हो जाती है । इसे आदिवासी भाषा में मरांगदेय पूजा भी कहते हैं। इस पूजा में गाय बैल को चुम्माया जाता है। एवं बड़ी बहन बहनोई आगमन की पूर्व घर को साफ सफाई रौनकदार बनायी जाती है। 
       धावा आदीवासी गांव में आज सोहराय पर्व मनाया जाता जा रहा है हेमलाल टुडू ने बताया कि  यह पर प्राकृतिक पूजा के साथ गोधन, फसल व भाई बहन की प्रेम से जुड़ा पर्व है जिसे सोहराय पर्व कहते हैं। यह  विभिन्न आदिवासी क्षेत्र में  जनवरी माह तक भिन्न-भिन्न तारीखों में किया जाता है। इस सोहराय में गांव के प्रधान की महानता सबसे अधिक होती है। जो पहले पूजा स्थल पर जाकर विधिवत पूजा करने के बाद नृत्य करते हुए गांव तक लाया जाता है। फिर हर घर जाकर सभी गाय-बैलों को चुम्माया जाता है। एवं बड़ी बहन को नए वस्त्र देखकर सम्मानपूर्वक घर में बैठाकर घर के सभी सभी परिजन मिलकर उन्हें भोजन खिलाया जाता है। इस खुशी में सुबह से शाम,रात तक घर की गली में गांव के तमाम ग्रामीण बूढ़े बुजुर्ग नौजवान युवा गांव की बहनों महिलाओं के साथ ढोल के नगाड़े, झाल, के थाप पर नृत्य करते हैं। यू कहे आदिवासियों की यह पर्व लोक संस्कृति आई और परंपरा की पहचान सोहराय है। इस मौके पर मेहियासिमर के गांव के मुंशी सूरज मुर्मू, चिनुकू मुर्मू, शिवलाल मुर्मू शिवलाल,  देवीलाल मुर्मू, बड़की बेसरा, सुनिता मरांडी, अनीता टुडू, सुरजमनी किस्कू, रोहित मुर्मू दिनेश मुर्मू रामलाल मुर्मू आदि सैकड़ो आदिवासीयों ने भाग लिया था।


रिपोर्टर-  राहुल कुमार यादव

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.