BJP की मदद करने आए खुद रामलला , चुनाव से पहले ही हो गया विपक्ष का पत्ता साफ
देश में अगले साल यानी की आने वाले कुछ महिनों में ही लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व होगा ...यानी की लोकसभा चुनाव होगा ..एक बार फिर जनता तय करेगी कि आखिर देश की सत्ता पर राज कौन करेगा ....फिलहाल 2014 से जनता ने बीजेपी को जिस तरह से सिर पर बैठाया है , उसे देखकर तो ऐसा ही लगता है , कि बीजेपी ही अगली पारी खेलेगी ...लेकिन फिर भी फैसला समय के हाथ में ....लेकिन इस जंग को लड़ने के लिए पार्टियां एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं ....भाजपा भी अपने बचे हुए ब्रह्मास्त्र चला रही है .. और इस लोकसभा चुनाव को जितने के लिए बीजेपी ने अपना सबसे बड़ा ब्रह्मास्त्र चलने की तैयारी कर ली है ... जी हां ....और वो बह्मास्त्र है अयोध्या का राम मंदिर ...आने वाली 22 जनवरी की तारीख ऐतिहासिक होगी.... इस पर पूरे देश की नजर है... इस दिन अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन है...ये आयोजन आम जनता के लिए जितना भावात्मक है ,उतना ही नेताओं के लिए सियासी भी है . वो कैसे ये भी समझा देते हैं .. राम मंदिर का मुद्दा , आज से नहीं बल्कि सालों से सियासत का हॉट मुद्दा रहा है .... बरसों से सरकारें आईं और चली गईं ....लेकिन राम मंदिर किसी के भी राज में बन नहीं सका ...लेकिन मोदी सरकार में देश का ये सपना साकार होने जा रहा है ... रामलला को आखिरकार अपना हक मिलने जा रहा है ... जिस दिन रामलला अपने मंदिर में विराजमान होंगे वो दिन किसी उत्सव से कम नहीं होगा ... इस दिन की राह देश भर के हिंदू ना जानें कितने बरसों से देख रहे थे....अब ये सपना मोदी सरकार ने पूरी किया है तो श्रेय भी जनता मोदी सरकार को ही देगी ... यानी की राम मंदिर की नींव का श्रेय जनता भाजपा को वोटों से देगी ...ये तो तय है ...फिर भी विपक्षियों को घेरने में और उनको फंसाने में बीजेपी इस मुद्दे में भी पीछे नहीं है ......कैसे ये भी बता देतें हैं ...
दरसल 22 जनवरी को राम लला अपने महल में विराजेंगे ..इसके लिए अतिथियों को न्योता भेजा जा रहा है.... इनमें विपक्ष के कई बड़े नेता भी शामिल हैं... विपक्ष के नेताओं को न्योता भेजकर बीजेपी ने उन्हें पूरी तरह उलझा दिया है... उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वे करें तो क्या करें.... नहीं जाएंगे तो जनता की आलोचना झेलनी होगी और जाने का मतलब है , कि बीजेपी के इस काम से वो बड़े खुश हैं ... राम मंदिर का श्रेय वो भी बीजेपी को दे रहे हैं .. विपक्ष को इस बात का डर है। उसे पता है कि बीजेपी समारोह को इतना बड़ा और भव्य बनाएगी कि दुनिया देखेगी। विपक्ष के सामने दुविधा यह है कि वह आयोजन में जाने से मना करेगा तो फंसेगा, वहां जाएगा तो भी। लोकसभा चुनाव में तय है कि बीजेपी राम मंदिर का श्रेय लेगी। इसका श्रेय लेने से उसे कैसे रोका जाए, इस पर भी विपक्षी दलों में मंथन हो चुका है...ऐसे में किसी भी विपक्षी का आयोजन में सम्मिलित होना मुसीबत बढ़ा देगा .. अब बताते हैं कि आखिर किन विपक्षी नेताओं को राम मंदिर के आयोजन में बुलाया गया है . इसमें , कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी हैं. मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर हामी नहीं भरी है तो वहीं मनमोहन सिंह स्वास्थ्य कारणों की वजह से शामिल नहीं हो पाएंगे. कई नेता ऐसा भी है जिनको निमंत्रण मिला लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया ...इसमें सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआईएम नेता वृंदा करात शामिल हैं.इसके अलावा कई और सूत्रों से जानकारी मिल रही है ...कि और भी कई बड़े नेताओं को इस आयोजन में सम्मिलित होने का न्यौता भेजा गया है ... लेकिन वो शामिल होंगे या नहीं ...इसपर कोई जानकारी सामने नहीं आई है ...
फिलहाल देखा जाए तो बीजेपी ने अपना मास्टर ब्रह्मास्त्र फेंक दिया है ... अब दिककत ये है कि अगर सोनिया, खरगे और कई बड़े विपक्षी नेता अगर इस आयोजन में नहीं जाते हैं , तो बीजेपी को एक बढ़िया मौका मिल जाएगा.... उसे कांग्रेस को हिंदू विरोधी साबित करने में जरा देर नहीं लगेगी.....और अगर ये लोग जाते हैं तो मुसलमानों की नाराजगी मोल लेनी पड़ सकती है.....वहीं एक सच ये भी हैं कि राम मंदिर आंदोलन से लेकर राम मंदिर बनने तक का सफर लोगों ने अपनी आंखों से देखा है। इससे कई पीढ़ियां जुड़ी रही हैं। ऐसे में तथ्यों को छुपाया या तोड़ा-मरोड़ा नहीं जा सकता है। यहां बीजेपी के पास बड़ा 'एडवांटेज'है। राम मंदिर के लिए उसका संघर्ष इतिहास के पन्नों में दर्ज है। उसी का फायदा मोदी सरकार उठा रही है
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