वडोदरा में बड़ा हादसा: सेल्फी लेते वक्त नाव पलटी, सरकार कब जागेगी ?||

जिंदगी जितनी तेजी से आगे बढ़ रही है , हम उतनी ही तेजी से कहीं ना कहीं अपनी सोच की वजह से पीछे होते जा रहे हैं.. बच्चे सही और गलत के बीच में फैसला नहीं कर सकते ...लेकिन अब बड़ो की भी मति बड़ी जल्दी खराब हो जाती है ..जिसका जीता जागता भंयकर उदाहरण हमें वडोदरा में देखने को मिला .. जहां शहर के हरणी झील में एक नाव पलटने से 16 लोगों की मौत हो गई.. इसमें दो शिक्षक और 14 बच्चे शामिल हैं, जिस वक्त हादसा हुआ,  उस समय नाव पर 27 छात्रों के साथ चार शिक्षकों की मौजूदगी थी... घटना के बाद गोताखोर और दमकलकर्मी बचाव कार्य में लगाए गए.. वडोदरा के पानी गेट स्थित न्यू सनराइज स्कूल के छात्र शिक्षकों के साथ पिकनिक पर गए थे...और बताया जा रहा है , ये हादसा केवल एक सेल्फी लेने के चक्कर में हो गया .. जिसकी कीमत बच्चो समेत टीचरों का अपनी जान देकर चुकानी पड़ी ..इस हादसे में अब कई सवाल भी उठ रहे हैं , जैसे बोट ऑपरेटर ने क्षमता से अधिक लोगों को अपने बोट में बैठाया...कैसे बचाव में इतनी मुस्तैदी नहीं हुई कि सभी को बचाया जा सकता .. क्या वहां किसी भी तरह की सुरक्षा की व्यवस्था नहीं थी. इतने लोगों में 10 से भी कम लोगों ने लाइफ जैकेट क्यों पहनी थी . हालांकि, इस मामले में वडोदरा की सांसद रंजनबेन धनंजय भट्ट ने कहा कि दोषीयों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.वहीं पीएम मोदी ने भी इस हादसे पर दुख जताया  वहीं गुजरात सरकार में मंत्री कुबेर डिंडोर ने स्कूल के शिक्षक और प्रिंसिपल को हादसे के लिए जिम्मेदार बताया है.  वहीं इस हादसे पर पीएमओ ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये देने का ऐलान किया है.

 देखा जाए तो केवल मुआवजा दे देना , इस तरह की घटना की भरपाई नहीं हो सकती ... झीलों में बड़ी शान से बोटिंग शुरू करवा दी जाती है , लेकिन उसके पीछे की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी आखिर किसकी है .... ऐसा हादसा कोई पहली बार नहीं हुआ ... ऐसे हादसे होते आए हैं .. फिर आखिर क्यों इनके प्रति प्रशासन और सरकार मुस्तैद नहीं रहती ...वहीं दूसरी ओर इस हादसे ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सेल्फी मौत का कारण भी बन सकती है ..हो सकता है कि बच्चे सेल्फी लेने के लिए इक्कठा ना हुए होते तो बच जाते , मगर हमारे हाथों में मौजूद फोन हमें चैन से रहने नही देता है . बच्चे तो समझने से रहे , लेकिन ये भी सच है कि अगर बड़े चाहे तो बच्चो में सेल्फी लेने की लत लगेगी ही नहीं ..बड़ो को देखकर ही बच्चे सीखते हैं ..इसीलिए जरूरत है कि अब बच्चो को स्मार्ट बनाए , जिद्दी नहीं ..वहीं सरकार के लिए ये घटना रेड फ्लैग जैसी है ...जहां बोटिग जैसी सुविधाओं के साथ सुरक्षा को कड़ा करना होगा ....ताकि फिर किसी मां की खोद इस तरह लापरवाही के कारण सूनी ना हो पाए ...फिलहाल 

 

 

 

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