कांग्रेस के सीएम से मिलने को क्यों बेताब हैं चंद्रबाबू नायडू?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजनीति में पलटूराम कहा जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार वो हवा का रुख देखकर पाला बदल चुके हैं...जहां पहले वो विपक्ष के इंडिया गठबंधन में थे और बाद में फायदा देखते हुए एक बार फिर भाजपा के एनडीए में शामिल हो गए...हालांकि कहा जा रहा था कि नीतीश बाबू फिर पलटी मार सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ...नीतीश बाबू तो अपने कहे से पीछे नहीं हटे लेकिन अब लगता है कि टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू पर जरूर नीतीश कुमार का असर हो गया है...जी हां चंद्रबाबू नायडू पलटी मारने की फिराक में लग रहे हैं...हम ऐसा क्यों कह रहे हैं...

लोकसभा चुनाव में इस बार एनडीए की जीत हुई, जिसमें जेडीयू और टीपीडी का विशेष योगदान रहा...और सभी दलों की सहमति से तीसरी बार नरेंद्र मोदी को देश का तीसरा प्रधानमंत्री चुना गया...कहा जा रहा था कि एनडीए की नईया इन्हीं दोनों पार्टियों ने पार लगाई है..अगर इनमें से कोई भी एक दल अपना समर्थन वापस ले लेता है तो एनडीए सरकार खतरे में आ सकती है...इसी बीच भाजपा के लिए कुछ ऐसी ही खबर सामने आई है जिसे सुनकर पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है...दरअसल, टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने तेलंगाना के कांग्रेस सीएम रेवंत रेड्डी को चिट्ठी लिखी है...जिसमें उन्होंने राज्यों में कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 6 जुलाई को आमने-सामने की बैठक का प्रस्ताव रखा गया है...अपने पत्र में, चंद्रबाबू नायडू ने हैदराबाद में रेवंत रेड्डी के घर पर मिलने का प्रस्ताव रखा है...चंद्रबाबू नायडू के कांग्रेसी सीएम से मिलने के प्रस्ताव ने राजनीतिक गलियारों में सनसनी पैदा कर दी है...

TDP नेता ने एक्स पर लिखा, "पुनर्गठन अधिनियम से उत्पन्न मुद्दों पर कई चर्चाएं हुई हैं, जो हमारे राज्यों के कल्याण और उन्नति के लिए महत्वपूर्ण रखते हैं. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों की निरंतर प्रगति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए तेलुगु भाषी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के लिए घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा देना आवश्यक है.

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