संसद में घुसपैठ एक , सवाल अनेक
देशभक्ति और देशद्रोह में जरा सा फर्क होता है , जरा सा फर्क होता है किसी भी घटना को देखने और समझने में.....दो दिन पहले संसद हमले की 22 वीं बरसी थी.... और उसी दिन एक बार फिर 22 सालों बाद संसद में आंतक बरसा ..संसद में कुछ लोग संसद की सेक्युरिटी को भेदते हुए अंदर घुस आए ....कोई हमला नहीं किया बस उत्पात मचाया...मगर ये आंतक बरसाने वाले थे कौन , वो लोग आतंकवादी थे , देश के आम युवा थे, देशद्रोही थे , या फिर किसी राजनैतिक पार्टी के वो गुर्गे थे , जो पर्दे के पीछे काम करने के लिए ट्रेंड किए गए थे . संसद में हुई घुसपैठ के बारे में अब तक आपने बहुत कुछ देख और सुन लिया होगा ....लेकिन आज जो सवाल हम उठाएंगे ..... वो आपको दूसरे नजरिए से सोचने के लिए मजबूर कर ही देंगे ..जरूरी नहीं की किसी जांच में ये मुद्दे उठाए जाए , जरूरी नहीं कि किसी मीडिया में इसे भुनाए जाए , लेकिन ये मुद्दे ऐसे हैं , जो आपको इस मामले की गंभीरता जरूर समझाएंगे ...तो चलिए जोड़ते हैं संसद घुसपैठ के सभी पेच ..............
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