पीलीभीत में PM मोदी की रैली में नहीं आए वरुण गांधी, हो गया खुलासा


लोकसभा चुनाव के लिए पीएम मोदी ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं .. यूपी में भी लोकसभा चुनाव को लेकर माहौल गर्म है ..  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नवरात्र के पहले दिन उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से सियासी समीकरण साधा ... इस दौरान उन्होंने यूपी सरकार के लोकनिर्माण मंत्री और बीजेपी उम्मीदवार जितिन प्रसाद के पक्ष में जनसभा को संबोधित किया. लेकिन आज की रैली एक ऐसा सवाल छोड़ गई , जो अब सियासत में उथल पुथल मचाएगा .. और वो सवाल है कि आखिर कांग्रेस में अपने की परिवार से किनारा करके बीजेपी के शामिल हुए , वरूण गांधी कहां गायब हो गए ...सांसदी से टिकट कटने के बाद आखिर वो इस मंच पर भी क्यों नजर नहीं आए .. दे

प्रधानमंत्री आज तूफानी दौरे पर उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में रहे .. जब से पीलीभीत में पीएम मोदी की सभा की खबरे आईं थी.. जब से बस एक ही सवाल पूछा जा रहा था , कि क्या वरुण गांधी मंच पर उपस्थित होंगे... बीजेपी ने उनका टिकट काट जितिन को थमाया है.....आज पीलीभीत के लिए बड़ा दिन था क्योंकि देश के पीएम पहुंचे,,, ऐसे में कयासों का बाजार वरुण को लेकर गर्म रहा.... वरुण इस पीलीभीत सीट पर लंबे समय से जीतते आए हैं, मौजूदा सांसद भी हैं लेकिन टिकट कटने के बाद से उतने सक्रिय नहीं दिखे.... हालांकि मां मेनका ने सवालों के जवाब देते हुए कहा था कि उनकी सेहत फिलहाल इजाजत नहीं दे रही है....मगर दुनिया जान गई है कि वरूण गांधी का भरोसा टूट गया है ... और इस बात का प्रमाण है कि वरुण गांधी पीलीभीत को लेकर पिछले कुछ साल से सोशल मीडिया पर एक्टिव रहे.... लेकिन 28 मार्च के बाद से उन्होंने अपने एक्स हैंडल से कोई पोस्ट नहीं किया...आखिरी पोस्ट में अपना दर्द, उम्मीद और भरोसा जरूर दिखाया था......पीलीभीत की जनता के नाम चिट्ठी पोस्ट की थी...  जिसमें लिखा था कि वो भावुक हैं....

आज पीएम मोदी की रैली में ना दिखकर वरूण गांधी ने साबित कर दिया ...कि बीजेपी ने भी उनसे कहीं ना कहीं किनारा कर लिया है ....अब इसकी वजह क्या हो सकती है ...ये भी बता देते है ... वरूण गांधी का टिकट कटना तय था ..क्योंकि वो बीजेपी के काम आने वाले नहीं थे , और बीजेपी ये बात समझ गई थी ....कुछ दिनों पहले जहां सोशल मीडिया पोस्ट में भाजपाइयों ने ब्रैकेट में मोदी का परिवार लिखा वहीं वरूण ने इससे परहेज किया।उन्होंने अपने ऑफिसियल एक्स हैंडल पर नाम में न तो मोदी का परिवार जोड़ा है, ना ही पूरे बायो में कहीं बीजेपी का ही जिक्र है.... बीजेपी को अपना भविष्य सिक्योर करना है , तो कड़ा फैसला लेना तो जरूरी हो जाता है ..फिलहाल भाजपा ने डैमेज कंट्रोल की पूरी तैयारी की है!बेटे का टिकट तो कट गया लेकिन सुल्तानपुर से मां मेनका को पार्टी ने फिर मैदान में उतार दिया है ..ताकि मां के प्रेम मे ही सही बेटा विद्रोही ना बने .. 

फिलहाल आज की रैली के बाद एक ही सवाल पूछा जा रहा है कि पीलीभीत से दिल का रिश्ता होने के बावजूद वरुण पीएम मोदी की रैली में क्यों नहीं आए? नाराजगी नहीं तो क्या कोई दूसरी वजह थी?  फिलहाल इस मसले पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता क्योंकि खुद वरूण गाँधी शांत है ... वो भाजपा के लिए इस वक्त शांत ज्वालामुखी बने हुए हैं ...मगर ये ज्वालामुखी कब विकराल हो जाए....कुछ कहा नहीं जा सकता है .......

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