सीतापुर में चीनी मिल में विस्फोट से 3 लोगों की मौत, सीएम योगी इस ओर ध्यान क्यों नहीं दे रहे ?

इस देश में लाखों की संख्या में मजदूर मिलों में काम करते हैं .. मगर उनकी सुरक्षा की गांरटी कितनी हैं क्या कभी सोचा है आपने ...हम ऐसा सवाल इसलिए पूछ रहे हैं , क्योंकि उत्तर प्रदेश के सीतापुर में सोमवार को चीनी मिल में टैंक फटने से तीन मजदूरों की मौत हो गई.. पुलिस ने बताया कि शहर के रामकोट थाना क्षेत्र के चीनी मिल में रखरखाव के काम के दौरान हुआ विस्फोट इतना जोरदार था कि कर्मचारियों की मौके पर ही मौत हो गई...बताया जा रहा है कि जवाहरपुर चीनी मिल में सोमवार को इथेनॉल प्लांट का ट्रायल रन चल रहा था। इस दौरान फर्मेंटेशन चैंबर में भाप का प्रेशर बढ़ गया..कर्मचारी टैंक के प्रेशर का सही अंदाजा नहीं लगा सके.. इस टैंक के पास तीन मजदूर रेलिंग का काम कर रहे थे। करीब शाम चार बजे तेज धमाका हुआ.. हादसे में एक मजदूर टैंक के पास ही गिर गया.. वहीं, एक मजदूर टैंक के ठीक ऊपर बनी टीन की छत पर जाकर अटक गया। तीसरा मजदूर करीब पंद्रह फीट दूर जाकर गिरा..मगर सवाल फठता है कि आखिर इतने बड़े हादसे का जिम्मेदार कौन है ...क्या ये हादसा टाला नहीं जा सकता था.. ऐसे मीलों में मजदूरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी आखिर किसकी हैं ये सवाल है ,,देखिए ये रिपोर्ट - 

देखा जाए तो मिलों में होने वाले ये हादसों कोई हैरानी की बात नहीं है . ऐसे हाने वाले हादसे इस ओर इशारा करते हैं कि मिलों में कहीं ना कहीं लापरवाही बरती जाती है , जो मजदूरों की जिंदगी ही निगल जाती है.... आखिर इन मजदूरों की जिंदगी की जिम्मेदारी किसकी है .. मिल के मालिकों को क्या सुरक्षा की गारंटी नहीं देनी चाहिए ...या फिर इन मिलों की जांच पर सरकार ही ध्यान नहीं दे रही है ...क्योकि किसी ना किसी स्तर की गलती की वजह से ही ये हादसे हो रहे हैं , और बेवजह लोगों की जिंदगी जा रही है .. ये मजदूर केवल एक मिल के मजदूर नहीं थे,,,,ये थे एक पूरे परिवार के कर्ताधर्ता , जिनके सहारे घर चलता था.. इनकी मौत मिल के लिए केवल एक हादसा होगी , लेकिन इनके परिवारों के लिए जिंदगी का सबसे कड़वा सच है .. इसीलिए सरकार को अब इस विषय में सख्त होना होगा ..दोषियों को सजा होनी चाहिए , साथ ही  ऐसे हादसे फिर ना हो इसकी गांरटी देनी चाहिए ... 

 

 

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