वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर संसद में घमासान
मुस्लिम वक्फ बोर्ड को नियंत्रित करने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जैसे ही संसद में संशोधन विधेयक पेश करने की बात कही , विपक्ष हमलावर हो गया .. कुल मिलाकर जब से इस बिल के संसद में आने की बात और बिल के मसौदा सामने आया है, मुस्लिम समाज से लेकर मुस्लिम नेताओं और विपक्ष में इसे लेकर खासा रोष दिखाई दे रहा है.... इसकी वजह मानी जा रही है कि संशोधित बिल के जरिए सरकार वक्फ बोर्ड की ताकत व हैसियत कम करने जा रहा है...कहा जा रहा है कि इस बिल के जरिए सरकार देश के वक्फ बोर्ड्स की पूरी प्रक्रिया जवाबदेह व पारदर्शी बनाना चाहती है...इस बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार और बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए तीखा हमला बोला...वहीं आज जब वक्फ संशोधन विधेयक 2024 लोकसभा में गुरुवार को पेश हुआ. इस बिल के विरोध में समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने सरकार से सवाल किया कि कुरान में क्या लिखा है ये आप तय करेंगे... देखिए ये रिपोर्ट और जानिए आखिर कैसे वक्फ संशोधन विधेयक पर छिड़ गई है सियासी जंग -
देश में वक्फ बोर्ड को मिली असीमित शक्तियों पर अंकुश लगाने और बेहतर प्रबंधन व पारदर्शिता के लिए सरकार ने लोकसभा में गुरुवार को विधेयक पेश किया...जिसके बाद संसद में जमकर हंगामा हुआ . समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर सवाल उठाते हुए इसको भाजपा की तरफ से तुष्टिकरण की कोशिश करार दिया। अखिलेश ने इस बिल को धार्मिक आस्था पर हमला बताते हुए कहा कि साजिश के तहत बिल लाया जा रहा है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया। इस दौरान अखिलेश ने स्पीकर के अधिकार छीने जाने की बात कहीयय उनकी इस बात पर गृहमंत्री अमित शाह विफर गए और आवेश में आ गए .. क्या हुआ ये देखिए ...
इतना ही नहीं समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि मुस्लिमों के साथ अन्याय हो रहा है. सपा सांसद ने कहा कि 10 साल से अल्पसंख्यकों के साथ जो रहा है वो देखकर रूह कांप जाती है.रामपुर सांसद ने कहा कि कुरान में क्या लिखा है ये आप तय करेंगे या हम तय करेंगे. इससे हम मजहब में दखलंदाजी कर रहे हैं. ऐसे कानून से मुल्क की साख को ठेस पहुंचेगी. उन्होंने क्या कहा वो भी आपको सुनाते हैं -
इसके अलावा वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। यह विधेयक भेदभावपूर्ण और मनमाना दोनों है। यह विधेयक इस बात का प्रमाण है कि आप मुसलमानों के दुश्मन हैं।'सुनिए -
हालांकि कानून मंत्री किरेन रिजजू ने इस पूरी किचकिच के बीच इस विधेयक की बारीकियों को खूब समझानें की कोशिश की . किरेन रिजिजू ने कहा कि हमारे देश में कोई भी कानून संविधान से ऊपर नहीं हो सकता है। इस 1995 के वक्फ एक्ट में ऐसा प्रावधान है जो सबसे ऊपर है। ये सदन का दायित्व है, गरीब महिला कोई भी हो ये सदन का दायित्व है कि न्याय दिलाने के लिए कोई कमी है तो उसे पूरा करना चाहिए। जो संशोधन बिल हम लाए हैं, उसमें सारा प्रावधान है।
देखा जाए तो इस बिल पर मुस्लिम समुदाय के अलावा राजनीतिक स्तर पर इसका विरोध देखा जा रहा है.... वक्फ ऐक्ट में बदलाव के लिए लाए जा रहे बिल को लेकर विवाद का सबसे बड़ा बिंदु वक्फ बोर्ड की संपत्ति है.. देश में कुल 32 वक्फ बोर्ड हैं.. उनके बीच तालमेल के लिए केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की ओर से सेंट्रल वक्फ काउंसिल बनाया गया.. यह वक्फ बोर्डो के कामकाज के मामलों में केंद्र सरकार को सलाह देता है.. वर्ष 1995 में वक्फ ऐक्ट में बदलाव भी किया गया और हर राज्य केंद्र शासित प्रदेश में वक्फ बोर्ड बनाने की मंजूरी दी गई. देश के सभी वक्फ बोर्ड के पास फिलहाल 8 लाख एकड़ जमीन है.. साल 2009 में यह संपत्ति 4 लाख एकड़ हुआ करती थी.इन जमीनों में ज्यादातर हिस्सों में मस्जिद, मदरसा और कब्रिस्तान हैं. अचल सपंत्ति के लिहाज से देखा जाए तो वक्फ बोर्ड देश में रेल और सेना के बाद तीसरे सबसे बड़े जमीन के मालिक हैं। संशोधन बिल में प्रावधान है कि वक्फ बोर्ड के फैसले के खिलाफ अब हाई कोर्ट में अपील की जा सकती है। यह प्रावधान अब तक नहीं था .
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