मुर्शिदाबाद हिंसा में अबतक 100 लोग गिरफ्तार...

पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में प्रशासन ने अब तक 100 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह हिंसा मंगलवार जंगीपुर इलाके में शुरू हुई, जब हजारों लोग विवादास्पद वक्फ कानून को वापस लेने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे। इसके बाद शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान यहां फिर हिंसा भड़की और इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। शुक्रवार को इलाके में पथराव और आगजनी की घटना फिर से घटी। इसके बाद हिंसा प्रभावित इलाकों में बीएसएफ की तैनाती की गई है। शुक्रवार को सूती, शमशेरगंज में हिंसा हुई।
मुर्शिदाबाद एक मुस्लिम बहुल जिला है, यहां की कुल आबादी में 66.27 फीसदी मुस्लिम समुदाय के लोग हैं। जिले का जंगीपुर इलाका भी मुस्लिम बहुल है। लेकिन, अब हालात सामान्य है. जिले में जगह-जगह भारी पुलिस बल तैनात है। जंगीपुर में अब भी इंटरनेट सेवा बंद है। रेल सेवा पर कोई अवरोध नहीं है।
शुवेंदु अधिकारी ने कड़ी निंदा-
इस बीच बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुवेंदु अधिकारी ने कहा कि मुर्शिदाबाद जिले के जलंगी बीडीओ कार्यालय में हुई तोड़फोड़ की घटना से वह बहुत गुस्सा और दुखी हैं। उन्होंने इसकी कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि यह तोड़फोड़ कथित तौर पर वक्फ विरोधी कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों ने की, लेकिन ये लोग प्रदर्शनकारी नहीं, बल्कि कट्टरपंथी तत्व थे। उन्होंने कहा कि यह कोई विरोध नहीं था, बल्कि सुनियोजित हिंसा थी। यह लोकतंत्र और शासन पर हमला था। कुछ जिहादी ताकतें अराजकता फैलाकर अपनी ताकत दिखाना चाहती हैं और समाज के अन्य समुदायों में डर पैदा करना चाहती हैं। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया, सरकारी अधिकारियों को धमकी दी गई और डर का माहौल बनाया गया। यह सब विरोध के नाम पर किया गया, जो पूरी तरह गलत है। ममता बनर्जी की सरकार की चुप्पी हैरान करने वाली है। वह ऐसी अराजकता को क्यों बर्दाश्त कर रही हैं? क्यों नहीं इस आतंकी कृत्य की निंदा में राज्य सरकार की ओर से कोई स्पष्ट बयान आया? क्या वोट बैंक की राजनीति पश्चिम बंगाल के लोगों और संस्थानों की सुरक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण है?
अब तक 100 लोग हुए गिरफ्तार-
पुलिस के अनुसार प्रदर्शन शुरू में शांतिपूर्ण था, लेकिन जल्द ही यह उग्र हो गया। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-12 को जाम कर दिया और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। स्थिति बिगड़ने पर कुछ उपद्रवियों ने पुलिस वाहनों सहित कई गाड़ियों में आग लगा दी. इस दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हुए. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। अब तक 100 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इससे पहले TMC नेता ने दी थी धमकी-
टीएमसी नेता और मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कोलकाता के रामलीला मैदान में जमीयत-ए-उलेमा हिंद की पश्चिम बंगाल यूनिट द्वारा आयोजित एक विशाल रैली को संबोधित किया था। वक्फ कानून में संशोधन को तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए ममता बनर्जी सरकार के मंत्री ने कोलकाता में बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम करने की धमकी दी। सभा को संबोधित करते हुए सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कहा कि अगर वह चाहें तो चक्का जाम करके कोलकाता को ठप कर सकते हैं। अभी तक हमने ऐसा नहीं किया है, लेकिन हम ऐसा करने की योजना बना रहे हैं। हमारी रणनीति जिलों से शुरू करने की है और फिर कोलकाता में 50 जगहों पर 10-10 हजार लोगों को तैनात करेंगे।
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