बिहार में 25 लाख वोट फर्जी, भाजपा ने रचि साजिश...कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा मोना ने साधा निशाना
देश के 12 राज्यों में मतदाता सूची के विशेष इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान की शुरुआत 4 नवंबर से हो गई है, जो 4 दिसंबर तक चलेगा। इस बीच कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने शनिवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि SIR योजना पूरी तरह भाजपा द्वारा संचालित है और इसका उद्देश्य आम नागरिकों से मतदान का अधिकार छीनना है। आराधना ने दावा किया कि SIR शब्द का संविधान या किसी वैधानिक प्रावधान में कोई उल्लेख नहीं है, लेकिन इसे बहाना बनाकर जनता के मताधिकार पर हमला किया जा रहा है।
भाजपा ने रचि साजिश
आराधना मिश्रा ने जोर देकर कहा कि लोकतंत्र तभी जीवित है जब मत देने का अधिकार सुरक्षित हो। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह वोट चोरी के माध्यम से बाबा साहब के दिए अधिकारों को खत्म करने की साजिश रच रही है। कांग्रेस ने राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ अभियान के तहत देशभर में कैंडल मार्च, जनजागरूकता कार्यक्रम और हस्ताक्षर अभियान चलाया है। अब तक 17,00,788 लोगों के हस्ताक्षर जुटाए जा चुके हैं, और इसका लक्ष्य 5 करोड़ हस्ताक्षर पूरा करना है, जिन्हें बाद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा जाएगा। उन्होंने घोषणा की कि नवंबर के अंतिम सप्ताह में दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल जनसभा आयोजित की जाएगी, जहां यह आंकड़ा राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा।
बिहार में 25 लाख वोट फर्जी
आराधना ने 7 अगस्त को राहुल गांधी द्वारा डेमो के जरिए उजागर वोट चोरी की साजिश का भी जिक्र किया और कहा कि बिहार के पहले चरण के मतदान के बाद जताई गई आशंकाएँ अब सच साबित हो रही हैं। उन्होंने हरियाणा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां दो करोड़ मतदाताओं में से 25 लाख वोट फर्जी पाए गए, यानी हर आठवां वोट नकली था। उन्होंने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए कि डुप्लीकेट वोट की पहचान के लिए तकनीक और डेटा मौजूद होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। कई मामलों में एक घर में 500 वोट या विदेश में रहने वाले लोगों के नाम मतदाता सूची में दर्ज हैं।
अंत में आराधना मिश्रा ने केंद्र सरकार और भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि SIR योजना लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करने की साजिश है। उन्होंने चुनाव आयोग से जवाबदेही तय करने और मतदाताओं के अधिकार की रक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की।


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