चैत्र नवरात्रि आने से पहले अपने घर से निकाल फेंकें चीजें

हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। हर साल चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि आरंभ हो जाती है। प्रत्येक वर्ष दो नवरात्रि पर्व मनाएं जाते हैं। तिथि की बात करें, तो इस बार चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रहे हैं, जो की 30 मार्च को समाप्त हो रहे हैं। माता रानी के आगमन की तैयारी भी सभी अपने घर में जोरों शोरों से करना शुरू कर दिये हैं जैसे घर की साफ-सफाई, रंग पोताई आदि तैयारियों में लगे है। लेकिन कई बार इन तैयारियो के अलावा भी कई ऐसी चीज होती है जिसपर हमें खासकर के ध्यान देना चाहिए नहीं तो उसका बूरा असर घर के सारे लोगों पर पड़ता है। तो चलिए जानते है कुछ चीजों के बारे में जिन्हें घर से तुरंत निकाल फेंकना चाहिए।
नवरात्रि से पहले घर से निकाल फेंकें ये चीजें
मांस, मदिरा को निकाल फेंकें
नवरात्रि से पहले सफाई के दौरान प्याज और लहसुन, अंडा, मांस, मदिरा आदि को घर से निकाल दें। ये चीजें घर में नकारात्मकता लाती हैं।
खराब जूते चप्पल और कपड़े
वास्तु शास्त्र के अनुसार, नवरात्रि से पहले मां दुर्गा के स्वागत के लिए सफाई की जाती है और माता रानी के आगमन से पहले घर से सभी खराब जूते चप्पल और कपड़े निकाल दें।
कटी फटी धार्मिक पुस्तकें
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में कभी भी कटी-फटी धार्मिक पुस्तके बिल्कुल नहीं रखनी चाहिए। अगर फट गई है, तो उन्हें गंगा में विसर्जित कर दें।
टूटा हुआ कांच
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में रखा हुआ टूटा हुआ कांच या फिर इससे बनी चीजें रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है। जिसके कारण आर्थिक स्थिति कमजोर होती है। इसलिए घर में कांच संबंधित टूटी हुई चीज बिल्कुल भी न रखें।
बंद घड़ी
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में लगी बंद घड़ी की तरह व्यक्ति की किस्मत भी रुक जाती है। इसलिए अगर घर में कोई बंद घड़ी है, तो उसे तुरंत सही करा लेना चाहिए या फिर फेंक देना चाहिए। क्योंकि बंद घड़ी के कारण व्यक्ति की तरक्की और आर्थिक स्थित पर बुरा असर पड़ता है।
खंडित मूर्तियां
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में कभी भी देवी-देवता की मूर्ति खंडित नहीं रखनी चाहिए। अगर मूर्ति थोड़ी सी कहीं से भी टूट गई है, तो उसे गंगा जी में प्रवाहित कर देना चाहिए। क्योंकि इससे दुर्भाग्य का आगमन होता है।
रौद्र रूप वाली मूर्ति
वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर या फिर घर के किसी भी स्थान में देवी-देवता की ऐसी मूर्ति नहीं रखनी चाहिए, जो रौद्र रूप में हो। क्योंकि इन्हें अनिष्ट का कारक माना जाता है।
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