बंगरा में करंट से माँ-बेटों की मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

बंगरा (झांसी) उल्दन थाना क्षेत्र के बंगरा धवा गाँव में सोमवार को दर्दनाक हादसा हो गया। खेत में पानी लगाने के दौरान करंट की चपेट में आने से माँ और दो बेटों की मौके पर ही मौत हो गई। इस हृदयविदारक घटना ने पूरे गाँव को शोक में डाल दिया है। जानकारी के अनुसार, गाँव के किसान हर कुंवर पत्नी धर्मदास सुबह गेहूँ के खेत में पानी लगाने गई थीं। इसी दौरान खेत में टूटे पड़े बिजली तार की चपेट में आकर वह करंट से झुलस गईं और मौके पर गिर पड़ीं। माँ को तड़पता देख बचाने पहुँचे उनके पुत्र काशीराम भी करंट की चपेट में आ गए और बेहोश होकर गिर पड़े। जब काफी देर तक दोनों घर नहीं लौटे, तो छोटा बेटा नरेंद्र खेत पर पहुँचा। माँ और भाई को अचेत देख उसने उन्हें उठाने की कोशिश की, लेकिन वह भी करंट की चपेट में आ गया और मौके पर ही दम तोड़ दिया। "गाँव में मचा कोहराम, पुलिस ने लिया संज्ञान पास के खेत में खेल रहे बच्चों ने यह दृश्य देखा और दौड़कर ग्राम प्रधान तेजेश्वरी गिरीश घोष को सूचना दी। ग्राम प्रधान ने तुरंत पुलिस को खबर दी। चौकी इंचार्ज दिलीप पांडेय और थाना प्रभारी दिनेश कुरील अपनी टीम के साथ मौके पर पहुँचे और तीनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़ मृतकों में काशीराम (PWD कर्मचारी), उनके दो बेटे सुनील कुशवाहा (23 वर्ष) और राहुल कुशवाहा (18 वर्ष) शामिल हैं। नरेंद्र की असमय मृत्यु ने उसकी पत्नी प्रीति और दो छोटे बच्चों—साहिल (2 वर्ष) और आदर्श (5 वर्ष) को बेसहारा कर दिया। परिवार के अन्य सदस्य रामदेवी और गाँव के लोग सदमे में हैं। गाँव में मातम पसरा हुआ है, हर कोई इस घटना से स्तब्ध है। प्रशासन ने की मदद की घोषणा घटना के बाद तहसीलदार मऊरानीपुर प्रभात सिंह ने मृतकों के परिवार को 5 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। विधायक प्रतिनिधि पप्पू सेठ सहित कई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुँचे और परिजनों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। ग्रामीणों में आक्रोश, बिजली विभाग की लापरवाही पर उठे सवाल "गाँव के लोगों का कहना है कि बिजली विभाग की लापरवाही के कारण यह घटना हुई। जर्जर और टूटे हुए बिजली तारों की समय पर मरम्मत न होना इस दर्दनाक हादसे की बड़ी वजह बनी। ग्रामीणों ने प्रशासन से माँग की है कि गाँव में बिजली के तारों की स्थिति को तुरंत सुधारा जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों। पूरा गाँव शोक में डूबा एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत से गाँव में सन्नाटा और मातम पसरा हुआ है। हर किसी की आँखें नम हैं। गाँव के लोग इस परिवार के साथ खड़े हैं, लेकिन यह दर्द कोई भी शब्द कम नहीं कर सकते। धीरेंद्र सोनी संवाददाता

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