इस चैत्र नवरात्री, जानिए माता दूर्गा के नौ स्वरुपों के नाम

हिंदू धर्म को तमाम तरह के पूजा-पाठ, व्रत, विधि-विधान, रीति-रिवाजों व त्योहारों से जोड़कर देखा जाता है।  हिंदू धर्म में हर साल कि शुरूआत पूजा-पाठ,व्रत,त्योहारों से ही होता है। किसी भी शुभ कार्यों की शुरूआत पूजा-पाठ विधि और रीति-रिवाज के साथ किया जाता है। हर वर्ष तमात देवी- देवताओं के व्रत किए जाते है। उन्ही में एक है नवरात्री, वैसे तो साल में 4 नवरात्री मनाए जाते हैं लेकिन आज हम जिस नवरात्री की बात कर रहे है वो है चैत्र नवरात्री। हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो जाता है। हिन्दू धर्म में नवरात्रि के इन नौ दिनों को अति शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि नवरात्री के नौ दिन माता का व्रत रखने से मनुष्य सभी मनोंकामना पूरी हो जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष 22 मार्च 2023 से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होगी जिसका समापन 30 मार्च को होगा जाएगा। बता दें कि इन नौ दिनों में मां दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों की उपासना की जाती है। आइए जानते हैं मां दुर्गा के नौ स्वरूप के नाम।

मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के नाम

प्रथम दिन- माता शैलपुत्री

चैत्र प्रतिपदा तिथि के दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इनकी सवारी सफेद गाय है और यह पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं।

दूसरा दिन- माता ब्रह्मचारिणी

चैत्र मास की द्वितीया तिथि के दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा का विधान है। माना जाता है कि मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करने से दीर्घायु और संयम का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

तीसरा दिन- मां चंद्रघंटा

चैत्र तृतीया तिथि के दिन मां चंद्रघंटा की उपासना की जाती है। माता की सवारी सिंह है और इनकी पूजा करने से साधकों को सांसारिक समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है।

चौथा दिन- माता कूष्मांडा

चैत्र नवरात्रि के चतुर्थी तिथि के दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। माता कूष्मांडा बाघ की सवारी करती हैं और उनकी उपासना से बुद्धि और मनोबल में वृद्धि होती है।

पांचवां दिन- मां स्कंदमाता

चैत्र मास के पंचमी तिथि के दिन मां स्कंदमाता की पूजा का विधान है। माता स्कंदमाता की सवारी शेर है और इनकी पूजा करने से साधक को आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

छठा दिन- माता कात्यायनी

चैत्र नवरात्रि के षष्ठी तिथि के दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है। माता कात्यायनी की उपासना करने से आकर्षण शक्ति में वृद्धि होती है और घर-परिवार से नकारात्मक उर्जा समाप्त हो जाती है।

सातवां दिन- मां कालरात्रि

चैत्र मास की सप्तमी तिथि के दिन माता कालरात्रि की विधि-विधान से उपासना की जाती है। माता कालरात्रि की उपासना करने से शत्रुओं पर विजय का आशीर्वाद मिलता है।

आठवां दिन- माता महागौरी

चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन माता महागौरी की पूजा का विधान है। माता महागौरी की उपासना करने से सभी कष्टों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है।

नौवां दिन- माता सिद्धिदात्री

चैत्र नवरात्रि पर्व के अंतिम दिन यानि नवमी तिथि को माता सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है। इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।

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