अकेले में हार्ट अटैक आये तो क्या करे- जानिए यहां

हार्ट अटैक आना आज के समय में आम बात हो चुका है। पहले ये समस्या आमतौर पर बुजुर्गो में देखी जाती थी, लेकिन अब हार्ट अटैक की समस्या हर उम्र वाले लोगों को होने लगी है।  इस समय के हिसाब से लोगों की परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं, जहां लोग अपने कल्याण के लिए हर रोज कुछ न कुछ नया निर्माण कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ़ वो अपने स्वास्थ के प्रति ग़ैरजिम्मेदार भी होते जा रहे हैं। पहले के समय दिल के मरीज की संख्या कम होती थी। ये समस्या ज्यादातर बुजुर्गो में देखने को मिलती थी, लेकिन वहीं अब यह समस्या धीरे-धीरे ज्यादातर लोगों में नजर आ रही हैं। अब दिल के बीमार वृद्ध के साथ युवा भी होते जा रहे हैं।

ये घटनायें अब तो आम बात होती जा रही हैं। जीम करते , खेलते, नाचते, गाते, स्वस्थ व्यक्तिओ की मौत हो जाती हैं। ये ख़बरे दिल देहला देने वाली होती हैं, सवाल ये उठता हैं की इसे कैसे रोका जाये, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हार्ट अटैक के मामले में हर दिन इजाफा हो रहा है। खासकर युवाओं और 40 की उम्र वाले लोगों में यह काफी ज्यादा देखने को मिल रहा है। ऐसे में सबसे जरूरी यह है कि आप इससे कैसे बच सकते हैं? तो अगर आपको अकेले मे दिल का दौरा पड़े तो आपको क्या करना चाहिए। आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे।

हार्ट अटैक के लक्षणों को कैसे पहचाने 

आपके शरीर में कहीं भी दर्द या बैचनी महसूस हो रही है तो आपको डॉक्टर से एक बार मिलना चाहिए। अगर आपका मन अशांत हो, दर्द या साँस लेने मे कोई दिक्कत लगे तो आप तुरंत डॉ से सलाह ले या उनसे मिले। अगर आपको सिने में भारीपन, जकडन, जलन, दर्द जैसे समस्या हैं तो ये दिल के दौरे का कारण बन सकता हैं। आपको समय रहते अपना उपचार जरुर करवाना चाहिए।

एंबुलेंस का नंबर अपने पास रखे

अगर आपको बीमार होने का डर बना रहता है तो आप बिल्कुल भी अकेले न रहें, किसी कारण से आपको अकेले रहना पड़ता हैं तो आप अपने दोस्तों, पड़ोसी और एंबुलेंस का नंबर अपने पास जरुर रखें।

परेशान न हो , लेट कर पैरो के नीचे तकिया रखें 

दिल का दौरा आने के दौरान ज्यादा परेशान होने से स्थिति खराब हो सकती है। ऐसे में जब भी बीपी लो हो तो एस्पिरिन खाने से बचें। क्योंकि इससे बीपी कम हो सकती है। इस दौरान आपके लिए  सबसे अच्छा होगा की आप मरीज को आराम से लेटाकर पैरों के नीचे तकिया दबा ले। सबसे महत्वपूर्ण बात इस दौरान धीमी सांस लें, खिड़की खुली रखें, पंखा, या एसी के सामने लेटे रहें। इससे शरीर को सही तरह से और भरपूर आक्सीजन मिलता हैं। जिससे हार्ट अटैक आने का खतरा थोड़ा टल जाता है। 

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