आखिर क्या होता है AFSPA (अफस्पा)? और क्यों हो रही इसको मणिपुर से हटाने की मांग?

आखिर क्या होता है AFSPA (अफस्पा)? और क्यों हो रही इसको मणिपुर से हटाने की मांग?

मणिपुर एक बार फिर हिंसा की चपेट में है और इसके चलते 6 लोगों की मौत हो गयी है। जिसमे तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल हैं। हालत जयादा खराब न हो इसके लिए कठोर कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने मणिपुर में बीते 14 नवंबर को मणिपुर 6 बड़े थाना क्षेत्रों में  AFSPA (अफस्पा ) लगा दिया है। जिसके बाद से हालात और अधिक उग्र हो गए हैं और राज्य की बीरेन सिंह सरकार ने केंद्र से  AFSPA (अफस्पा ) हटाने या बापस लेने की मांग की है।  

इस मामले पर आगे चर्चा करने से पहले जान लेते हैं कि आखिर ये  AFSPA (अफस्पा ) है क्या और इसको कब और कहाँ लगाया यानि लागू किया जाता है। 

आपको बता दूँ कि AFSPA (अफस्पा) को सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम कहा जाता है और अंग्रेजी  में इसे आर्म्ड फोर्सेज़ स्पेशल एक्ट (Armed Forces Special Powers Act) कहते हैं। इसे उपद्रवग्रस्त पूर्वोत्तर में सेना को कार्रवाई में मदद के लिए 11 सितंबर 1958 को पारित किया गया था। बाद में जब 1989 में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद ने सिर उठाया तब 1990 में इसे वहां भी लागू किया गया। तब से लगातार देश के किसी भी राज्य और विशेषकर पूर्वोत्तर के राज्यों में अशांति होने की स्थिति में लागू किया जाता है।  

Centre Reimposes AFSPA in 6 Volatile ...
पर आखिर इस अधिनियम में ऐसा क्या है जिसके कारण मणिपुर सरकार केंद्र से इसको हटाने को लेकर निवेदन कर रहा है?  

 
तो आप जान ही लीजिये कि आखिर AFSPA  लगने पर क्या होता है?

 

आपको बता दूँ कि  AFSPA (अफस्पा ) लागू होने पर सैन्य बल बिना किसी के आदेश के शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए किसी पर भी गोली चला सकते हैं

केंद्रीय सैन्य बलों के जवान बवाल मचाने वाले किसी भी शख्स पर सिर्फ एक चेतावनी देकर सीधे गोली चला सकते हैं।  

केंद्रीय सैन्य बलों के जवान सिर्फ शक के आधार पर किसी भी घर की तलाशी ले सकते हैं, या किसी को भी गिरफ्तार कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें किसी केभी अरेस्ट वारंट की जरूरत नहीं पड़ती। इस परिधि में कोई भी आ सकता है। 

केंद्रीय सैन्य बलों के जवान जब कोई सैन्य कार्यवाही करते हैं और उसका विरोध भी होता है तब भी जब तक केंद्र सरकार मंजूरी न दें, तब तक सैन्य बलों के खिलाफ कोई मुकदमा या कानूनी कार्यवाही नहीं हो सकती है।

किसी भी क्षेत्र को केंद्र सरकार, राज्य के राज्यपाल या केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल अशांत घोषित करके AFSPA लगा सकते हैं। ये केवल इन्ही तीन लोगों के अधिकार क्षेत्र में आता है।  यहाँ तक कि राज्य का मुख्यमंत्री भी अफ्स्पा लगा या हटा है  सकता है। बस AFSPA लगाने और हटाने के लिए केंद्र सरकार से निवेदन जरूर कर सकता है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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