पूर्वांचल के बाद पश्चिमी यूपी पर निषाद पार्टी की नजर...

उत्तर प्रदेश की राजनीति में निषाद पार्टी अपन स्थिति मजबूत बनाने की कोशिश में जुटी है। यूपी विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारियों पर जोर दिया जा रहा है। पूर्वांचल में मजबूत वोटबैंक तैयार करने के बाद निषाद पार्टी की नजर अब पश्चिमी यूपी पर है। यही वजह है कि पार्टी के मुखिया और योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद लगातार पश्चिमी यूपी के जिलों का दौरा कर रहे हैं। इन दौरों के जरिए वह निषादों के अनुसूचित जाति के आरक्षण के मुद्दे पर पश्चिमी यूपी के सजातीय वोट बैंक को साधने की जुगत में लगे है, जिससे पूर्वी यूपी के साथ ही पश्चिमी यूपी में भी निषाद पार्टी का अपना जनाधार बन सके।

लोकसभा चुनाव के बाद अभियान-

लोकसभा चुनाव खत्म होते ही अपना वोटबैंक मजबूत करने के उद्देश्य से डॉ. संजय निषाद ने संवैधानिक अधिकार रथ यात्रा शुरू कर दी थी। वैसे निषाद पार्टी की पकड़ पूर्वांचल और बुंदेलखंड के साथ अवध क्षेत्र में हैं। लेकिन डॉ़ निषाद ने अपनी संवैधानिक अधिकार रथ यात्रा की शुरुआत पूर्वांचल से न करके सहारनपुर में मां शाकुंभरी देवी शक्ति पीठ से की।

रथ यात्रा के जरिए संजय निषाद ने पश्चिमी यूपी के 15 से ज्यादा जिलों का दौरा कर वहां के निषादों को एकजुट करने की कवायद शुरू की। रथयात्रा के बाद भी संजय निषाद लगातार पश्चिमी यूपी के दौरे पर हैं। इस हफ्ते निषाद ने मेरठ, मुरादाबाद और अलीगढ़ में बड़ी जनसभाएं कर चुके हैं।

निषाद पार्टी का मानना है कि संवैधानिक अधिकार रथ यात्रा से पार्टी को पश्चिमी यूपी में नई संजीवनी मिली। पार्टी ने दावा किया कि रथयात्रा पश्चिमी यूपी के जिस भी जिले में गई, वहां निषाद समाज ने उनका जोरदार स्वागत किया। साथ ही, जनसभाओं में जुट कर निषादों की ताकत का भी आभास कराया। वे वोट बैंक को एक मजबूत विकल्प के रूप में अपनी पार्टी को पेश करने की कोशिश कर रहे हैं

रथयात्रा के जरिए डॉ. संजय ने समाज के लोगों से अपील की थी कि अगली जनगणना में केवट, मल्लाह, बिंद, कहार, धीवर, रैकवार, कश्यप, बाथम, तुरैहा, भर और राजभर समेत सभी अन्य 17 उपजातियों के लोग अपनी गिनती संविधान में सूचीबद्ध अनुसूचित जाति मझवार और तुरैहा में करवाएं।

30 से अधिक सीटों पर निर्णायक-

डॉ. संजय निषाद के मुताबिक पश्चिमी यूपी की 30 से ज्यादा ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां निषाद जाति की उपजातियों का वोट निर्णायक हैं। इनमें मुजफ्फरनगर की बुढ़ाना, चरथावल, पुरकाजी, खतौली विधानसभा सीटें, सहारनपुर जिले की नकुड़, गंगोह, देवबंद, बेहट, रामपुर मनिहारान सीट, बागपत की छपरौली, बड़ौत, रामपुर की मिलक, बिलासपुर और स्वार, शामली की कैराना, गढ़मुक्तेश्वर, मुरादाबाद की कांठ, ठाकुरद्वारा, कुंदरकी और बिलारी विधानसभा सीटें प्रमुख हैं। इन सभी सीटों पर निषादों का वोट 60 हजार या उससे ऊपर है। इन वोटरों के बीच डॉ. संजय निषाद अपनी पार्टी को स्थापित करने का प्रयास करते दिख रहे हैं।

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