कांग्रेस के निमंत्रण ठुकराने के बाद पार्टी के इस नेता ने किया अयोध्या जाने का एलान
जैसे -जैसे भगवान श्रीराम की प्राण- प्रतिष्ठा का दिन नजदीक आ रहा है वैसे -वैसे सियासत के गलियारों में हलचल तेज होती जा रही हैं .वहीं अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिया जब न्योता कांग्रेस को भेजा गया तो कांग्रेस द्वारा निमंत्रण पत्र को ठुकरा दिया गया था और अयोध्या में भागवन श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से इंकार कर दिया गया था .तो वहीं अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने पार्टी के निर्णय के विरुद्ध जाते हुए प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल होने का एलान कर दिया है .जिसकों लेकर अब राजनीति गरमाती जा रही है .
खत्री ने सोशल मीडिया पर किया प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल होने का एलान
एक तरफ कांग्रेस ने प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल होने से साफ़ मना कर दिया है .तो वही दूसरी तरफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष निर्मल खत्री ने राम भक्त बनते हुए भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए लिखा,"मैं इस कार्यक्रम में भाग लूंगा। कांग्रेस पार्टी का ऐसा कोई निर्देश नहीं है कि कोई कांग्रेसी इस कार्यक्रम में भाग न ले, सिर्फ हमारे सर्वोच्च नेताओं ने ही 22 जनवरी के निमंत्रण में आने में असमर्थता व्यक्त की है।"
पार्टी के अन्दर पैदा हुई कलह की स्थिति
अयोध्या में भगवान श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने को लेकर पार्टी के अंदर कलेश की स्थिति पैदा हो चुकी है। एक तरफ जहां कांग्रेस के बड़े -बड़े नेताओं द्वारा इस समारोह में शामिल होने से मना कर दिया गया है और प्राण- प्रतिष्ठा समारोह से छत्तीस का आंकड़ा बना लिया गया है। तो वहीं दूसरी तरफ निर्मल खत्री जैसे नेताओं द्वारा यह कहा जा रहा है कि वो 22 जनवरी को अयोध्या जाएंगे।
अनुराग ठाकुर ने साधा कांग्रेस और इंडिया गठबंधन पर निशाना
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर कांग्रेस के दो हिस्से में विभाजित होने पर भाजपा के नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस और इण्डिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि जब पार्टी (कांग्रेस) अपने ही नेता के साथ अन्याय करें और राम भक्तों को भगवान राम से दूर रखें तो राम भक्त कहां उनकी सुनने वाले हैं। अनुराग ने आगे कहा कि विपक्षी नेता राम मंदिर से दूरी बनाए रखना चाहते। ये लोग कल तक भगवान राम को काल्पनिक बता रहे थे। विपक्षी नेताओं ने राम मंदिर के खिलाफ मुकदमा लड़ने पर जोर लगा दिया था।
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