गंगा एवं पर्यावरण समिति की बैठक हुई सम्पन्न

वृक्षों की निगरानी एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हरितिमा ऐप’ के माध्यम से प्रत्येक पौधे की जियो टैगिंग किये जाने के सीडीओ ने दिए निर्देश
मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला वृक्षारोपण, गंगा एवं पर्यावरण समिति की बैठक हुई सम्पन्न।
वृक्षारोपण अभियान में विद्यालयों के बच्चों, युवाओं एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को जोड़ा जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियों में प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूकता और सहभागिता विकसित हो-मुख्य विकास अधिकारी।
आगरा- मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला वृक्षारोपण, गंगा एवं पर्यावरण समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में नव नियुक्त प्रभागीय वन अधिकारी राजेश कुमार द्वारा आगामी वृक्षारोपण महाअभियान को सफल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव एवं दिशा-निर्देश प्रस्तुत किए गए। श्री कुमार ने विशेष रूप से पौध उठान की प्रक्रिया के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों एवं उन्हें सुरक्षित रूप से वृक्षारोपण स्थल तक पहुँचाने के लिए आवश्यक देखभाल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पौधों की गुणवत्ता और सुरक्षा इस अभियान की सफलता की कुंजी है। उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया कि वृक्षों की निगरानी एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु ’हरितिमा ऐप’ के माध्यम से प्रत्येक पौधे की जियो टैगिंग की जाए। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि वन विभाग द्वारा प्रत्येक चार विभागों पर एक समन्वयक नियुक्त किया जाएगा, जिससे समन्वय बेहतर हो सके और वृक्षारोपण के समय किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो।
बैठक में यह भी कहा गया कि वृक्षारोपण को केवल एक सरकारी कार्यक्रम के रूप में न देखकर, इसे समाज सेवा और नैतिक कर्तव्य की भावना से किया जाए। इस अभियान को जनांदोलन का स्वरूप देने हेतु जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी को भी आवश्यक बताया गया। वन विभाग द्वारा एक अभिनव पहल के अंतर्गत यह घोषणा की गई कि वन महोत्सव के दौरान जन्मे नवजात शिशुओं को “ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट” प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें एक टिम्बर प्लांट भेंट किया जाएगा, जो भविष्य में एक प्रकार की हरित फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में काम करेगा, जिससे लोगों में पर्यावरणीय उत्तरदायित्व की भावना और भी मजबूत हो सके। साथ ही यह महत्वपूर्ण सुझाव भी दिया गया कि पौधों की जड़ों में प्रयुक्त होने वाली पॉलीथीन को एकत्र कर उसका पुनर्चक्रण (रीसायक्लिंग) किया जाए। यह छोटा सा कदम पर्यावरण की दृष्टि से एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है और प्लास्टिक कचरे को नियंत्रित करने की दिशा में सार्थक पहल मानी जाएगी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा सभी विभागों को निर्देशित किया गया कि वृक्षारोपण अभियान में अधिक से अधिक विद्यालयों के बच्चों, युवाओं एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को जोड़ा जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियों में प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूकता और सहभागिता विकसित हो।
यह बैठक जिला स्तर पर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक और दूरदर्शी प्रयास रही, जिसमें विभागीय समन्वय, तकनीकी नवाचार और सामाजिक सहभागिता के माध्यम से वृक्षारोपण अभियान को जन-आंदोलन का रूप देने की स्पष्ट रूपरेखा प्रस्तुत की गई।
संवाददाता - अनुज उपाध्याय
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