एयर इंडिया का 10 साल पुराना विवाद हुआ हल!
एयर इंडिया ने एक बड़ी घोषणा की हैं.अब एयर इंडिया विमान में परोसे जाने वाला नॉन वेजिटेरियन फूड हलाल सर्टिफाइड नहीं होगा.वही यह फैसला बिजनेस और फर्स्ट क्लास सभी वर्गों के फ्लाइट्स के लिए जारी किया गया हैं. वही अगर यात्रियों को कैस मील चाहिए होगा वो यात्रियों को टिकट बुकिंग के दौरान ही तय करना होगा.वही एयर इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा की 'हमने हमेशा यात्रियों को सुविधा के लिए फूड ऑप्शन दिए हैं. अब फूड सर्विस को सुव्यवस्थित किया गया हैं .विस्तारा के विलय के बाद एअर इंडिया के बड़े आकार और पैमाने के कारण भोजन को पहले से बुक करना होगा . बता दें कि पहले अपेक्षाकृत छोटी एअर इंडिया विस्तारा के साथ विलय से पहले भोजन की प्री-बुकिंग पर बहुत जोर नहीं देती थी.
10 सालों से चल रहा था विवाद
एयर इंडियन ने अब मुस्लिम फूड का नाम बदल दिया हैं.वही अब इस मील को एयर इंडिया ने अब स्पेशल कैटिगरी में शामिल किया हैं.वही कुछ समय पहले मील का नाम मुस्लिम स्पेशल मील होने की वजह से विवाद हुआ था. वही इस स्पेशल का मतलब हलाल सर्टिफाइड मील है.एयर इंडियन में हलाल-प्रमाणित भोजन के प्रोविजन के खिलाफ लंबे समय से लड़ाई चल रही थी.यह लड़ाई 10 वर्षों से अधिक समय से चलती आ रही है.एयर इंडिया ने हाल ही में अपनी भोजन सेवाओं में बदलाव कर दिया हैं, जिसमें हिंदू और सिख यात्रियों की पसंद और मान्यताओं को ध्यान में रखा गया हैं. इस बदलाव के लिए कंपनी ने धार्मिक और सांस्कृतिक संवेदनशीलताओं पर व्यापक बातचीत की, ताकि यात्रियों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके.इस बदलाव के बाद सोशल मीडिया पर कई पोस्ट वायरल हो रहे हैं, जिसमें लोग अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त कर रहे हैं. कुछ लोग इस बदलाव को सराहना दे रहे हैं, जबकि अन्य इसकी आलोचना कर रहे हैं.एयर इंडिया के इस फैसले से यह स्पष्ट होता हैं कि कंपनी अपने यात्रियों की संतुष्टि और सुविधा के लिए कितनी प्रतिबद्ध हैं. यह बदलाव न केवल हिंदू और सिख यात्रियों के लिए बल्कि सभी यात्रियों के लिए एक सकारात्मक कदम हैं, जो विभिन्न संस्कृतियों और मान्यताओं का सम्मान करता हैं.
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