AI की आंधी में उड़ गई नौकरियां! इंसानों की जगह मशीनों की दुनिया

2025 में अगर किसी चीज़ ने सबसे ज्यादा लोगों की नींद उड़ाई है, तो वो है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दस्तक। टेक कंपनियों की गलियों में अब इंसानों की नहीं, मशीनों की गूंज सुनाई देने लगी है। AI के बढ़ते कदमों ने ना सिर्फ कारोबार के तरीके बदले हैं, बल्कि हजारों कर्मचारियों की रोज़ी-रोटी पर भी गाज गिरा दी है।

Amazon, Microsoft, Google, Intel और CrowdStrike — ये सिर्फ कंपनियां नहीं, कभी सपनों के अड्डे थे। लेकिन अब ये टेक दिग्गज इंसानों की जगह मशीनों को तरजीह दे रही हैं। आइए जानें, किस कंपनी ने कितने सपनों को तोड़ा, और कैसे AI बन रहा है नौकरी का नया दुश्मन।

1. Intel – सिलिकॉन वैली की चुप्पी में गूंज रही है छंटनी की आहट
चिप बनाने वाली दिग्गज कंपनी Intel ने ओरेगन से लेकर कैलिफोर्निया तक अपने कर्मचारियों को झटका दिया है।

500 से ज्यादा पद खत्म,

107 पहले ही गए,

और अब 5500 और पर मंडरा रहा है खतरा।

सबसे बुरा असर पड़ेगा सॉफ्टवेयर इंजीनियरों और सीनियर टेक एक्सपर्ट्स पर। कंपनी कहती है कि ये सब “मार्केट की मांग और ऑपरेशनल एफिशिएंसी” के नाम पर हो रहा है। लेकिन असल में ये AI के लिए जगह बनाने का खेल है।

2. Amazon – AI की चाल, इंसानों का काल?
AWS में हुई छंटनी के बाद अब Amazon में फिर से भूचाल आने वाला है।

10% वर्कफोर्स पर खतरा,

25% प्रिंसिपल रोल्स पर तलवार लटक रही है।

Amazon खुलकर कह चुका है — कुछ ऑपरेशंस में AI सपोर्ट आ रहा है, और जहाँ मशीनें हों, वहाँ इंसानों की ज़रूरत किसे है?

3. Microsoft – AI को सलाम, Xbox टीम को अलविदा!
Microsoft ने दिखा दिया कि टेक्नोलॉजी के साथ कदम न मिला पाए, तो इतिहास बनना तय है।

9100 लोग निकाले गए,

खासकर Xbox डिवीजन सबसे ज्यादा प्रभावित।

अब कंपनी पूरी तरह से उन लोगों की तलाश में है जो AI के साथ तालमेल बिठा सकें। यानी भविष्य उन्हीं का है जो मशीनों के साथ चलना सीख जाएं।

4. Google – टीवी नहीं, अब AI है ‘नया विज़न’
Google भी पीछे नहीं है।

Smart TV और Android TV डिविज़न में भारी कटौती,

300 की टीम में से 25% को निकाला,

फंडिंग में भी 10% की कमी।

Google अब उन प्रोजेक्ट्स में पैसा झोंक रहा है जहां AI की चमक है। यानी अब स्क्रीन नहीं, स्क्रिप्टिंग का जमाना है — और उसमें इंसानों की नहीं, कोड की ज़रूरत है।

5. CrowdStrike – सिक्योरिटी फर्म, लेकिन नौकरी सुरक्षित नहीं!
साइबरसिक्योरिटी की बड़ी कंपनी CrowdStrike भी AI रेस में शामिल है।

5% वर्कफोर्स को टाटा,

करीब 500 कर्मचारी प्रभावित।

कंपनी का सीधा ऐलान — 10 बिलियन डॉलर के रेवेन्यू टारगेट तक पहुंचने के लिए AI ही असली साथी है, और इंसान… शायद अब विकल्प!

अब मशीनें नहीं ले रहीं सिर्फ ऑर्डर, वो खुद बन चुकी हैं 'बॉस'
AI की ये क्रांति सिर्फ तकनीक का उन्नयन नहीं, एक सिस्टम शिफ्ट है। एक ऐसा दौर शुरू हो चुका है जहाँ स्किल बदलने होंगे, सोच बदलनी होगी और AI को दुश्मन नहीं, सहकर्मी बनाना होगा।

क्योंकि ये साफ है —"जो मशीन से सीखेगा, वो ही नौकरी बचाएगा!"

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