अखिलेश यादव ने बिहार चुनाव नतीजों पर साधा सरकार पर निशाना
बिहार चुनाव के परिणामों को लेकर बढ़ती राजनीतिक नोकझोंक और संस्थागत पक्षपात के आरोपों के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की उन आवाजों को अनदेखा नहीं किया जा सकता जो चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठा रही हैं।
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि लखनऊ के सत्ता प्रतिष्ठान से मुकाबला करने के लिए कुछ राजनीतिक लोग संस्थाओं के नाम बदलकर खुद को विकास का चेहरा साबित करने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि वास्तव में लोकतांत्रिक पारदर्शिता कमजोर हो रही है। यह टिप्पणी उस सोशल मीडिया बहस के बाद आई है, जिसमें चुनाव आयोग को व्यंग्यात्मक अंदाज में सरकार का हिस्सा बताया जा रहा था। बिना किसी का नाम लिए, उन्होंने कहा कि जो पिछली यूपी चुनाव में जनता का भरोसा नहीं जीत पाए, वही अब भविष्य की जीत का माहौल बनाने में जुट गए हैं।
एक पोस्ट में अखिलेश ने लिखा कि लगता है किसी ने नाम बदलने की कला सीख ली है! अब तो चुनाव आयोग को भी ‘विकास’ कहा जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि इसी से उनकी जीत तय है। जो पिछला चुनाव हारे, वे कह रहे हैं, ‘2024 में हराया, 2027 में हटाएंगे और अपनी सरकार बनाएंगे। इससे पहले भी उन्होंने रैलियों में चुनाव आयोग और प्रशासन पर सवाल उठाए हैं, और कहा था कि पहले फैजाबाद का नाम बदला गया, अब चुनाव आयोग को! लेकिन जनता सब जानती है, हमने उन्हें 2024 में हराया था, 2027 में भी हटाएंगे और एक ऐसी PDA सरकार बनाएंगे जो पूरे राज्य का प्रतिनिधित्व करेगी।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अखिलेश यादव की यह बयानबाजी उनके कोर वोटर बेस को मजबूत करने और 2027 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को मुख्य चुनौती के रूप में स्थापित करने की रणनीति का हिस्सा है।


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