मेला बसन्त पंचमी में दुकानदारों से की गई मनमानी ठेका बसूली से दुकानदार दुखी - इसका जिम्मेदार कौन ?

इगलास : इगलास नगर में लगने वाले मेला बसन्त पंचमी का ठेका दस लाख सत्तर हजार रूपये में उठाये जाने के बाद मेला ठेकादार द्वारा दुकानदारों से की गई मनमानी बसूली से मेले में अपने बच्चों के दो वक्त की रोटी का साधन कमाने आये दुकानदार वेहद दुखी होकर यह कहते हुये वापस गये हैं बच्चों को लेकर जो कुछ मेले में कमाया था वह ठेका बसूली के नाम से यहीं छीन लिया गया है। इस बात को लेकर नगर में ही नहीं अपितु आस पास क्षेत्र में मेला समाप्त होने के बाद आज तक चर्चा सुनी जा रही है। बतादें कि इगलास नगर में अंग्रेजी हुकूमत के समय से लगते आ रहा प्राचीन मेला बसन्त पंचमी मेला सैयद बाबा के चमत्कार एवं महिमा से जुडा हुआ है। वर्षो पहले यह मेला सैयद बाबा के मजार से शुरू होकर नगर के पुरानी तहसील मार्ग पर लगता था, और मोहल्ला तकिया में झूले लगने के अलावा जहां आज मोहल्ला मास्टर कॉलौनी स्थित है जब यह खाली मैदान था तो कई मनोरंजक आयटम जैसे बकरे का सर्कस, स्वांग पार्टी, नोटंकी यहां लगते थे। इसके अलावा सोमवार वाली पैंठ आदि में भी सर्कस व नौटंकी आदि लगते थे। किन्तु उस समय दुकानदारों से ठेका बसूली के नाम पर लूट होते नहीं सुनी गई। इस बार देखने को मिला कि मेला अध्यक्ष व कमेटी द्वारा इस तरह गेट व होर्डिग लगवाये कि शायद मेला अवसर पर कोई बडा प्रचार किया जा रहा हो। गली मोहल्लों में मेला कार्यक्रम के पोस्टर लगाये जाने के बाबजूद मेला कार्यक्रम के होर्डिग भी लगाये गये। इस बार मेला बसन्त पंचमी के मेला में दुकानदारों से पांच सौ रूपये वर्ग फुट व छह सौ रूपये वर्ग फुट जमीन के हिसाव से तीन दिन मेले की ठेका बसूली एक छोटी चांट की ढकेल से भी पांच हजार से छह हजार रूपये तक बसूला गया है। मेले में मनमानी बसूली किये जाने पर दुकानदारों के नेत्रों से आंसू झलक आये दुकानदारों का कहना रहा है कि आये तो थे मेले में बच्चों के लिए रोटी कमाने लेकिन सब कुछ यहीं छीन लिया। आगे शायद पैर न पडें। इतना ही नहीं गरीब आदमी जो दिन भी मेहनत मजदूरी कर तीन सौ, चार सौ रूपये कमाकर लाता है व सत्तर रूपये हवाई झूला की टिकट कैसे खरीदे इसी प्रकार मेले में आये मनोरंजक आयटम जैसे हवाई झूले के अलावा नाव झूला, पालने झूला, मौत का कूआ, सर्कस आदि की टिकट बहुत मेंहगी होने की वजह गरीबों के लिए तो मेले का आनन्द फीका ही रह गया है।
रिपोर्टर : इन्द्रजीत प्रेमी
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