मेरे पति पढ़े लिखे नहीं हैं, पत्र कैसे लिख सकते हैं झूठा है आरोप अस्पताल में किसी ने नहीं मांगे पैसे- प्रसूता

इगलास : देखा जा रहा है अपनी जिल्लत भरी जिंदगी से बहुत कम ही लोग परेशानी मेहसूस करते हैं, लेकिन दूसरों की कामयाबी एवं कुशल नेतृत्व को देखकर अधिकतर लोग परेशान होते हैं। ऐसा ही कुछ इगलास नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र  अधीक्षक की कामयाबी यानी अस्पताल की काया कल्प करने में योगदान देने पर अनावश्यक टीका टिप्पणी करने का विफल प्रयास किया जा रहा है। यह कारनामा एक प्रसूता व एक वृद्ध ग्रामीण की वाइट से उजागर हो रहा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक विगत 15 अप्रैल को इगलास के समीपवर्ती कस्बा बेंसवा की प्रसूता के पति द्वारा एक महिला चिकित्सक पर तीन हजार रुपए मांगे जाने का आरोप लगाया गया और लिखित में एक तहरीर भी दी गई और दूसरे ही दिन आरोप पलट दिया गया। इसके अलावा दिनांक 21 अप्रैल को इगलास क्षेत्र के गांव खिरसौली निवासी मधू पत्नी हरी सिंह का प्रसव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इगलास में हुआ था। उस दिन किसी तरह का आरोप प्रत्यारोप किसी चिकित्सक के ऊपर नहीं लगाया गया। दूसरे दिन प्रसूता के पति को शराब पिलाकर किसी डॉक्टर द्वारा दो हजार रूपए लिए जाने का आरोप लगाया गया - यह कथन स्वयं प्रसूता ने पत्रकारों को वाइट देते हुए व्यक्त किया है। गांव खिरसौली निवासी भूरी सिंह बघेल ने सी न्यूज भारत को बताया है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इगलास पर आज कल मरीजों को अच्छा इलाज मिल रहा है। पहले अधिकांश दबाए बाजार से लाने को लिखी जाती थीं। कुत्ता काटने के इंजेक्शन , खून की लेब आदि नहीं थी। आज कल सभी दवाएं अस्पताल से ही मिलती है, और मरीजों को इधर उधर नहीं भटकना पड़ता है। डॉक्टरों द्वारा बाजार की दवाये नहीं लिखे जाने से कुछ मैडिकल स्टोर वाले चिड़चिड़ा  रहे हैं और वहीं अस्पताल के अधीक्षक डॉ स्कन्द राजा की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। यह कहावत चरितार्थ है कि लोग अपने स्वार्थ के लिए असत्य का रास्ता अपना लेते हैं। लेकिन उन्हें यह भी पता होना चाहिए जीत हमेशा सत्य की होती है। यह भी देखा और सुना जा रहा है कि लोग दुर्बलता से दुखी नहीं हैं बल्कि दूसरे की सफलता पर अधिक दुखी हैं।

रिपोर्टर : इंद्रजीत प्रेमी 

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