अंडाशय में गाँठ का समाधान --- डॉ वैशाली जैन के साथ

 

अंडाशय में गाँठ का समाधान --- डॉ वैशाली जैन के साथ 

आज के समय में अंडाशय में सिस्ट यानी गांठ आम हो चुकी है। अंडाशय में सिस्ट क्या है? इसका इलाज क्या है? इसकी सर्जरी के फायदे और नुकसान क्या है? ऐसे तमाम सवालों के जवाब आज हम आपको इस चर्चा में देने वाले हैं। और इसी गंभीर और महत्वपूर्ण विषय पर बात करने के लिए हमारे साथ मौजूद हैं देश की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट, आईवीएफ एक्सपर्ट और दीवा आईवीएफ लखनऊ के डायरेक्टर डॉक्टर वैशाली जैन 

 

ये अंडाशय की शिष्ट क्या है? 

इस समस्या पर बोलते हुए देश की जानीमानी गायनेकोलॉजिस्ट, आईवीएफ एक्सपर्ट और दीवा आईवीएफ लखनऊ के डायरेक्टर डॉक्टर वैशाली जैन ने कहा कि अंडाशय का सिस्ट अंडाशय में होने वाली एक गांठ होती है जिसमें तरल पदार्थ बढ़ जाता है। तो इसीलिए इसको ओवेरियन सिस्ट या अंडाशय का सिस्ट कहा जाता है। और गर्भावस्था की आयु में यह एक कॉमन प्रॉब्लम है मतलब किसी ना किसी महिलाओं को लाइफ में एक बार ओवेरियन सिस्ट हो सकता है क्योंकि ज्यादातर फिजियोलॉजिकल होता है। कभी-कभी पैथोलॉजिकल या फंक्शनल हो सकता है।  

 

ओवरी में बनने वाली गांठ कितनी तरह की होती हैं, क्या हैं लक्षण, वजहें और  बचाव | Types,symptoms and reasons of Ovarian Cysts


अंडाशय की सिस्ट कितने प्रकार  होती है?

इस पर ज्यादा जानकारी देते हुए डॉ वैशाली जैन ने कहा कि मैंने आपको बताया अमूनन ये समस्या फिजियोलॉजिकल यानि शारीरिक ही होती है।कभी जो महिला का माहवारी होती है तो उसके 13वें या 14वें दिन एक सिस्ट बनता है और वो बड़ा होता जाता है और वो जब उसको मेंसिस आ जाते हैं तो वो रप्चर हो जाता है। अगर प्रेगनेंसी हो जाती है तो वो कॉर्पस लटल सिस्ट में कन्वर्ट हो जाता है। नहीं तो वह रप्चर हो जाता है। तो यह हमारा फिजियोलॉजिकल यानि शारीरिक सिस्ट हो गया। 

अब बात करते हैं फंक्शनल सिस्ट क्या होता है कि माहवारी  के समय यह सिस्ट बना रहता है और रप्चर नहीं होता है वह खत्म नहीं होता है वो फंक्शनल सिस्ट में कन्वर्ट हो जाता है। 

 

इसके अलावा पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज पॉलीसिस्टिक सिस्ट जो ओवरीज होती है इस समस्या के तहत ओवेरीज में छोटे-छोटे सिस्ट हो जाते हैं। एंडोमेट्रियोटिक सिस्ट होते हैं और फिर कभी-कभी हमने सुना होगा कि ट्यूमर वर्ड उनको हम बोलते हैं ओवेरियन सिस्ट की जगह तो वो बहुत घातक भी हो सकते हैं कैंसर युक्त भी हो सकते हैं। 

 

अंडाशय में सिस्ट के क्या लक्षण होते हैं? 

इस समस्या पर बोलते हुए देश की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट, आईवीएफ एक्सपर्ट और दीवा आईवीएफ लखनऊ के डायरेक्टर डॉक्टर वैशाली जैन ने कहा कि देखिए ज्यादातर इस समस्या के कोई लक्षण नहीं होते। अगर महिल किसी कारणवश किसी और टेस्ट के लिए गई है। वो किसी कारणवश अल्ट्रासाउंड कराने गई है। तो यह सिस्ट नजर आ जाते हैं औरसामान्यतः ये छोटे ही होते हैं। पर कभी-कभी अगर सिस्ट बहुत बड़े होते हैं तो कुछ बड़े लक्षण नज़र आने लगते हैं। जैसे उसको पेशाब जल्दी-जल्दी लगेगा। उसको पेट में एक गांठ महसूस होगी कभी कभी जैसे गैस बनना। कभी-कभी अगर इनफेक्टिव सिस्ट होते हैं तो महिला को दर्द की समस्या भी होती है।  

Ovary Me Ganth Ke Lakshan | ओवरी में गांठ होने पर शरीर में दिखाई देते हैं  ये 7 लक्षण, ज्यादातर महिलाएं करती हैं इग्नोर | TheHealthSite.com हिंदी


क्यों हो जाते हैं ये सिस्ट? इसके कारण क्या है?

इस पर बोलते हुए डॉ वैशाली जैन ने कहा कि मैंने आपको पहले भी बता दिया है कि मासिक धर्म के वजह से ऐसा होता है कि मासिक धर्म में एक साइकिल यानि चक्र होता है उसमें ये सिस्ट बन जाते हैं।दूसरा मुख्य कारण है वो हार्मोनल असंतुलन होता है। हार्मोनल हॉर्मोंस में अगर दिक्कत होती है तो ये सिस्ट बन जाते हैं। कभी-कभी यह जेनेटिक भी होता है। जैसे पीसीओडी है। लाइफस्टाइल में चेंजेस जो होते हैं तो उसमें पीसीओडी हो जाता है। एंडोमेट्रियोटिक सिस्ट जो होते हैं वह जेनेटिक हो जाते हैं और कैंसर वाले तो भी जेनेटिक प्रॉब्लम होती है। इस वजह से कैंसर वाले सिस्ट होते हैं।  


डॉक्टर के पास कब दिखाने जाना चाहिए?

इस पर बोलते हुए देश की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट, आईवीएफ एक्सपर्ट और दीवा आईवीएफ लखनऊ के डायरेक्टर डॉक्टर वैशाली जैन ने कहा कि अगर किसी को पता है कि उस अंडाशय में सिस्ट है उसने टेस्ट कराया कुछ ऐसे करके और अगर किसी को नहीं पता है और लगातार पेट में दर्द हो रहा है या कभी कभी आपके बच्चेदानी में दर्द है और वो दर्द लगातार हो रहा है तो बिना किसी लापरवाही के आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। 

अमूनन ये कैंसरस नहीं होगा। लेकिन कोई भी गांठ अगर अंडाशय में है हम जांच करके करके हम बताएंगे कि यह फिजियोलॉजिकल है या पैथोलॉजिकल है। 

 

अंडाशय में सिस्ट होने के बाद क्या गर्भधारण संभव है? 

 

इस सवाल पर बोलते हुए देश की जानीमानी गायनेकोलॉजिस्ट, आईवीएफ एक्सपर्ट और दीवा आईवीएफ लखनऊ के डायरेक्टर डॉक्टर वैशाली जैन ने कहा  कि अगर देखिए छोटा सिस्ट है है तो कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन अगर बहुत बड़ा सिस्ट है तो दिक्कत हो सकती है क्योंकि अंडाशय में ही अंडे बनते हैं जिससे प्रेगनेंसी होती है। तो अगर सिस्ट बहुत बड़ा है तो गर्भधारण में दिक्कत हो सकती है। तो हमें इसका इलाज कराना ही होगा।  


अंडाशय का जो सिस्ट होता है हमें कैसे पता चलेगा कि वो कैंसर युक्त सिस्ट है?


इस पर बोलते हुए डॉ वैशाली जैन ने कहा कि ये तो टेस्ट के बाद ही पता चलेगा। देखिए एक तो बहुत ही कारण होते हैं जिसकी वजह से हम कहते हैं कि ये सिस्ट कैंसरस हो सकता है।सामान्यतः हम अल्ट्रासाउंड के बाद ही बता सकते हैं कि ये सिस्ट कैंसर है कि नहीं है। ब्लड टेस्ट के बाद भी बता सकते हैं। ब्लड टेस्ट में तो ट्यूमर मार्कर्स होते हैं। ओवेरियन सिस्ट में अगर हम कहें तो पैथोलॉजिकल सिस्ट में बहुत सारी वैरायटी है। तो हम कुछ ट्यूमर मार्कर्स करते हैं। को चेक करने के लिए कि वह कैंसरस हैं कि नहीं है। इसके अलावा हम अल्ट्रासाउंड में देखते हैं कि दोनों अंडाशय में हैं कि एक अंडाशय में है। एक ही झिल्ली है कि मल्टीलोक्युलर है। उनके बीच में द्रव्य कैसा भरा हुआ है? कुछ सॉलिड कम्पोनेंट तो नहीं है। खाली सिस्ट है। तो ये सारे फैक्टर्स से हम डिसाइड करते हैं कि यह कैंसरस है कि नहीं है। और उसी हिसाब से फिर हमें इसका इलाज करना पड़ता है। 

तो क्या मतलब इसके बाद अगर हमने अल्ट्रासाउंड करा लिया तो उसी में डिटेक्ट हो जाता है कि उसके बाद भी हमें स्कैनिंग वगैरह की जरूरत होती है। अल्ट्रासाउंड से हमें सस्पिशन ऑफ मेग्नेंसी पता चल जाता है। उसको कंफर्म करने के लिए हम सीटी करा सकते हैं, एमआरआई करा सकते हैं और ट्यूमर मार्कर्स करा सकते हैं। कभी-कभी फ्लूइड का भी सिस्ट बन जाता है।  

सिस्ट शब्द का मतलब फ्लूइड मतलब तरल पदार्थ ही है लेकिन अगर वो गांठ है ओवेरियन सिस्ट एक तरह की गांठ है लेकिन गांठ में अगर सॉलिड कम्पोनेंट  रहा है तो फिर वो घातक है और अब वो किस स्टेज का है और उसके लिए मतलब अभी इसका इलाज संभव है  और हमने ट्यूमर मार्कर्स करते हैं इसके अलावा हमने सीटी स्कैन करा ले एमआरआई करा लें तो उससे काफी हद तक हमें चीजें स्पष्ट हो जाती हैं और सबसे सटीक जानकारी हमको सर्जरी के बाद सामने आती है और अगर कुछ भी लग रहा है कि यह घातक है नुकसानदेह है

 

तो सर्जिकल स्टेजिंग ही एकमात्र सटीक समाधान है। 


सर्जिकल स्टेजिंग करके हम फिर उसको कंफर्म करते हैं और हम उसकी स्टेजिंग करते हैं। यानि ये स्टेज वाइज निर्धारित होता है कि उसकी सर्जरी ही होगी या नहीं। मेडिसिन यानि दवाइयों से से कोई फायदा नहीं है। इस पर बोलते हुए डॉ वैशाली जैन ने कहा कि जो बिनाइन ट्यूमर्स हैं या जो फिजियोलॉजिकल ट्यूमर्स हैं जो फंक्शनल ट्यूमर्स हैं उनके लिए हम दवाई सोच सकते हैं और कभी-कभी अगर वो छोटे होते हैं तो दवा की भी जरूरत नहीं होती है। वो दो-ती महीने में अपने आप ठीक हो जाते हैं। पर जो पैथोलॉजिकल ट्यूमर्स हैं बड़े साइज के हैं तो उसमें हमें सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।

 

इस समस्या का समाधान क्या है?

इस सवाल पर बोलते हुए देश की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट, आईवीएफ एक्सपर्ट और दीवा आईवीएफ लखनऊ के डायरेक्टर डॉक्टर वैशाली जैन ने कहा  कि  जो हमारे पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज है जिसमें पॉलीसिस्टिक सिस्ट बने हुए हैं। वह लाइफस्टाइल की वजह से है तो वह उसमें सर्जरी का कोई रोल नहीं है और आप उनको एक्सरसाइज और संतुलित भोजन लेकर ही कंट्रोल कर सकते हैं। और इसके अलावा भी हॉर्मोनल का असंतुलन भी डाइट की मतलब आपके लाइफस्टाइल की वजह से ही हो रहा है। और आपका अगर आप ओबीज़ हैं, आप बहुत सारा जंक फूड खा रहे हैं। तो, यह सारे फैक्टर्स कहीं ना कहीं हॉर्मोनल असंतुलित कर रहे हैं। और हॉर्मोनल इमंबैलेंस हो रहा है तो आपके सिस्ट डेवलप हो रही हैं।  


अगर किसी को सिस्ट बन गया है तो क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं? 

इस सवाल पर बोलते हुए देश की जानीमानी गायनेकोलॉजिस्ट, आईवीएफ एक्सपर्ट और दीवा आईवीएफ लखनऊ के डायरेक्टर डॉक्टर वैशाली जैन ने कहा  कि अगर किसी को सिस्ट बन गया है सबसे पहले ये जाँच करना जरुरी होता है  की सिस्ट कैंसरस है कि नहीं क्योंकि हर सिस्ट कैंसरस नहीं होता है। पोस्ट मेनोपॉजल जो रजोनिवृति वाली महिलाएं हैं उसमें अगर उनमें सिस्ट है तो कैंसर होने की संभावना ज्यादा है। 

 

एक बार ठीक होने के बाद क्या तो दोबारा भी सिस्ट बनने के चांसेस होते है? 


इस सवाल पर बोलते हुए देश की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट, आईवीएफ एक्सपर्ट और दीवा आईवीएफ लखनऊ के डायरेक्टर डॉक्टर वैशाली जैन ने कहा  कि अगर फिजियोलॉजिकल सिस्ट है तो दोबारा बन सकता है। यहाँ तक कि सर्जरी के बाद भी 30 से 40% चांसेस होते हैं कि वो सिस्ट दोबारा हो जाए। अब ये तो सिस्ट की प्रकृति पर ज्यादा डिपेंड करता है कि किस तरह का वो सिस्ट है। जैसे एंडोमेट्रियो एंडोमेट्रियोमा है तो वो दोबारा होने के भी चांसेस होते हैं या बेनाइन सिस्ट है, सिस्टेनोमा है म्यूसिनस सिस्ट एरिनोमा ये सब तरह के सिस्ट का प्रकार होते हैं। तो इनके बनने की संभावना एक लाइफ में उसके दोबारा भी हो सकती है। 30 से 40% चांसेस होते ही है कि सिस्ट दोबारा हो जाये।

सांस लेने में दिक्कत और पेट दर्द की रहती थी शिकायत...15 साल की लड़की के  अंडाशय से निकली 8 किलो की गांठ - Indore 8 kg cyst removed from 15 year old


समय पर अगर इसका इलाज नहीं लिया गया तो इसके क्या-क्या नुकसान है?  

इस सवाल पर बोलते हुए देश की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट, आईवीएफ एक्सपर्ट और दीवा आईवीएफ लखनऊ के डायरेक्टर डॉक्टर वैशाली जैन ने कहा  कि अगर समय पर इलाज आपको जाँच करना है कि ये घातक तो नहीं है। फिजियोलॉजिकल या फंक्शनल है ये किस तरह का सिस्ट है। तो ये ध्यान देने वाली बात है अगर वह सिस्ट घातक नहीं है तो इतना घबराने की बात नहीं है। सिस्ट की सर्जरी के अपने नुकसान है। देखा जाए तो सिस्ट की अगर हम सर्जरी करेंगे एक तो पार्ट यह है कि दोबारा हो सकता है। दूसरा आपका ओवेरियन रिजर्व कम हो जाते हैं। मतलब आपके अंडे बनने की क्षमता कम हो जाती है। तो आगे  चलकर अगर आप प्रेगनेंसी के लिए ट्राई करना चाह रहे हैं तो वह भी चीजें दिक्कत दे सकती हैं। मतलब यह है कि जो इस समस्या के एक्सपर्ट है उनसे मिलकर सलाह लीजिए। और विशेषकर अगर आप प्रेगनेंसी के लिए सोच रहे हैं, आप इनफर्टिलिटी है या आगे चलके आप प्रेगनेंसी के लिए सोच रहे हैं पर आपको समझना है कि आपको चिंता नहीं करना है कि मतलब आपको घबराना नहीं है क्योंकि ज्यादातर सिस्ट घातक नहीं होते। मतलब कैंसर नहीं होते हैं और बहुत सारेखुद खत्म भी हो जाते हैं। तो लेकिन ये सारी सलाह आपको स्पेशलिस्ट से मिलकर ही लेनी चाहिए। हो सकता है फर्स्ट सेकंड स्टेज में हो और वो रिकवर कर जाए। लेकिन अगर फर्स्ट सेकंड स्टेज में अगर डॉक्टर हमारी डायग्नोस करके बोलते हैं तो तो भी क्या सर्जरी की जरूरत तो होती ही होगी बिना मतलब बिना सर्जरी के जो डायग्नोसिस है वो सर्जिकल स्टेजिंग ही है। अगर घातक है तो सर्जरी ही उपाय है और कोई ऑप्शन ही नहीं है। कोई दवा ऑप्शन ही नहीं है। 

 

ओवेरियन सिस्ट का ऑपरेशन कैसे होता है, क्यों, कैसे करते हैं, खर्च और  सावधानियां - Ovarian Cyst Removal Surgery cost, pain, recovery time,  information in hindi


 लेकिन सर्जरी आप बता रहे हैं कि मतलब करवाना नुकसानदेह है। 

 
इस सवाल पर बोलते हुए देश की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट, आईवीएफ एक्सपर्ट और दीवा आईवीएफ लखनऊ के डायरेक्टर डॉक्टर वैशाली जैन ने कहा  कि लेकिन अगर घातक है तो करवाना ही पड़ेगा। उसमें कोई कंफ्यूजन नहीं है। मैं बिनाइन सिस्ट की बात कर रही हूं कि अगर कैंसरस नहीं है

और आप इनफर्टिलिटी से पीड़ित हैं  हैं तो आपको सर्जरी जो है अगर जरूरत है तभी आपको सर्जरी कराने की जरूरत पड़ती है।अन्यथा नहीं  पड़ती लेकिन अगर साइज बड़ा है मान लीजिए 8 सें.मी. बड़ा है और टाइट हो गया है तो  फिर सर्जरी करने की जरूरत पड़ सकती है। पर यह सारा जो निर्णय हैं  यह आपके एक्सपर्ट लेंगे। वही मैं कह रही हूं कि आपको खुद डिसाइड नहीं करना है कि नहीं मुझे दवा नहीं खानी है या मुझे इलाज नहीं कराना है या मुझे ऑपरेशन कराना है। ये सारी सलाह आप जो एक्सपर्ट से मिल रहे हैं उसके हिसाब से लीजिए। 

 


किसी महिला को सिस्ट बन गया है और प्रेगनेंसी है तो इसमें बच्चे को क्या कोई नुकसान होता है?

इस सवाल पर बोलते हुए देश की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट, आईवीएफ एक्सपर्ट और दीवा आईवीएफ लखनऊ के डायरेक्टर डॉक्टर वैशाली जैन ने कहा  कि इससे कोई भी नुकसान नहीं है। ना बच्चे को नुकसान है ना ओवेरियन सिस्ट बढ़ता है ना ओवेरियन सिस्ट से प्रेगनेंसी पर कोई इफेक्ट पड़ता है। बहुत ही कम मामलो में ऐसा होता है जिसमें ओवेरियन सिस्ट हो और घातक हो।अगर हम मान लीजिए सिज़ेरियन डिलीवरी करा रहे हैं तो वो हम सिस्ट को निकाल भी सकते हैं। ऐसा भी होता होगा मामले में कि सिस्ट घातक बन गई है और बच्चा भी है गर्भ में।उसमें हमें ओवरी अंडर एनस्थीसिया निकालनी पड़ती है। तो आजकल जब महिला का तीसरा या चौथा महीना चल रहा होता है तो हम काफी हद तक सर्जरीज कर सकते हैं और प्रेगनेंसी सेफ रहती है क्योंकि इतना एडवांसमेंट हो गया है। एनस्थीजिया में एडवांसमेंट हो गया है और बाकी बच्चे को प्रोटेक्शन के लिए भी बहुत सारी मेडिसिंस आ गई हैं। कुल मिलाकर प्रेगनेंसी सेफ हो जाती है। यहाँ तक कि इस समस्या से ग्रसित होने पर भी नॉर्मल डिलीवरी हो सकती है।


अगर आपको भी अंडाशय में सिस्ट या है कोई अन्य कोई समस्या तो बिल्कुल भी परेशान न हो

 संपर्क करें 

Dr. Vaishali Jain
 
DIVA IVF N FERTILITY CLINIC 

(उम्मीद से खुशियों तक)

B-1/45 SECTOR-J ,ALIGANJ,OPP RBI COLONY, Lucknow

CONTACT--7233006885

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.