एप्पल बेर की फसल में Powdery Mildew Disease को कैसे पहचानें

एप्पल बेर (Apple Ber) की फसल में Powdery Mildew (चूर्णी फफूंदी रोग) एक आम लेकिन गंभीर बीमारी है जो फसल की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों को प्रभावित कर सकती है। आइए इसे पहचानने और रोकथाम के उपाय विस्तार से समझते हैं:
Powdery Mildew की पहचान कैसे करें?
सफेद चूर्ण जैसा पाउडर:
सबसे पहला लक्षण पत्तियों, कलियों, डंडियों और फलों पर सफेद या ग्रे रंग का पाउडर जैसा जमाव होता है।
नई पत्तियों पर असर:
नई पत्तियाँ मुरझा सकती हैं, सिकुड़ सकती हैं या असामान्य रूप से मुड़ी हुई दिख सकती हैं।
फलों पर सफेद धब्बे:
एप्पल बेर के छोटे फलों पर सफेद धब्बे आ जाते हैं, जिससे उनका विकास रुक जाता है और वे समय से पहले गिर सकते हैं।
पत्तियों का पीला पड़ना:
संक्रमित पत्तियाँ पीली हो जाती हैं और अंततः सूखकर गिरने लगती हैं।
Powdery Mildew से बचाव और नियंत्रण के उपाय
सांस्कृतिक उपाय (Cultural Practices):
फसल के बीच पर्याप्त दूरी रखें ताकि वायुसंचार ठीक रहे।
संक्रमित पत्तियों और शाखाओं को तुरंत काटकर जला दें।
अधिक नमी और छाया से बचें – पौधों को खुली धूप और हवा मिलनी चाहिए।
खेत को साफ-सुथरा रखें।
रासायनिक नियंत्रण (Chemical Control):
सल्फर आधारित फफूंदनाशक जैसे कि Wettable Sulphur (0.2%) का छिड़काव करें।
कैराथेन (Karathane) या बेविस्टिन (Carbendazim) का छिड़काव भी प्रभावी होता है (0.1% घोल)।
7-10 दिन के अंतराल पर 2-3 बार छिड़काव करें जब तक लक्षण समाप्त न हो जाएं।
जैविक उपाय (Organic Methods):
निम्बोली खली का घोल या बेकिंग सोडा (1 चमच/लीटर पानी) का छिड़काव प्रारंभिक अवस्था में किया जा सकता है।
गौमूत्र और नीम के अर्क से बना प्राकृतिक फफूंदनाशक भी कारगर होता है।
विशेष सुझाव:
फसल की नियमित निगरानी करें, खासकर जब मौसम में नमी अधिक हो और तापमान मध्यम हो (20-30°C)।
रोग लगने पर तुरंत उपचार शुरू करें ताकि रोग फैलने से रोका जा सके।
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