एवोकाडो की खेती से बदल रही है किसानों की किस्मत, जानिए पूरी प्रक्रिया
एवोकाडो को “सुपरफूड” कहा जाता है, और इसकी मांग भारत सहित पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है। यही वजह है कि कई किसान पारंपरिक फसलों को छोड़कर अब एवोकाडो की खेती की ओर रुख कर रहे हैं।
एवोकाडो पेड़ में फल आने में लगने वाला समय:
बीज से उगाए गए पौधे:
यदि आप बीज से पौधा उगाते हैं, तो उसमें 5 से 7 साल या उससे भी अधिक समय लग सकता है फल देने में।
यह तरीका आमतौर पर खेती के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता।
कलम/ग्राफ्टिंग से तैयार पौधे (Grafted Plants):
ग्राफ्टेड एवोकाडो पौधे 3 से 4 साल में फल देने लगते हैं।
यही वजह है कि व्यावसायिक किसान ग्राफ्टेड पौधों को ही प्राथमिकता देते हैं।
एवोकाडो की खेती की प्रमुख बातें:
जलवायु और मिट्टी:
एवोकाडो गर्म और नम जलवायु को पसंद करता है।
अच्छी जलनिकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त है।
अधिक ठंड या पाला से यह फसल प्रभावित हो सकती है।
प्रजातियाँ (Varieties):
भारत में हास (Hass), फुएर्टे (Fuerte), और बेकन (Bacon) जैसी किस्में लोकप्रिय हैं।
पौधों की दूरी:
पौधों के बीच कम से कम 6–8 मीटर की दूरी रखें।
सिंचाई:
ग्रीष्मकाल में नियमित सिंचाई करें, पर जलभराव से बचें।
ड्रिप सिंचाई प्रणाली सबसे बेहतर मानी जाती है।
लागत और लाभ:
शुरुआती 2–3 साल तक लागत अधिक होती है (पौध, खाद, देखभाल इत्यादि)।
लेकिन 4वें साल से जब फल आना शुरू होता है, तो प्रति पौधा 200–300 फल तक दे सकता है।
बाजार में एक एवोकाडो फल की कीमत ₹100–₹300 तक जाती है (गुणवत्ता और सीजन के अनुसार)।
क्यों किसान अपना रुख एवोकाडो की तरफ मोड़ रहे हैं?
अच्छी मार्केट वैल्यू
स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ने से बढ़ती मांग
निर्यात की संभावनाएँ
लंबे समय तक फल देने वाला वृक्ष (20–25 साल या उससे ज्यादा)

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