सुदामा चरित्र सुनकर भाव विभोर हुए श्रोता

अयोध्या : मिल्कीपुर के अस्थना पूरे गंधर्व पाण्डेय में आयोजित भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन श्रीमद् भागवत का रसपान करने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। उत्तर प्रदेश के गोंडा से पधारे कथा व्यास पं० बलराम मिश्र जी महराज ने भागवत कथा के अंतिम दिन कई प्रसंगों ऊषा चरित्र, नृग चरित्र, वासुदेव नारद संवाद, सुदामा प्रसंग, परीक्षित मोह की कथा का बड़े रोचक ढंग में विस्तार से वर्णन किया। कथा के दौरान कथा व्यास ने श्रोताओं को भागवत को अपने जीवन में उतरने की अपील किया। साथ ही सुदामा चरित्र के माध्यम से श्रोताओं को श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता की मिसाल पेश की। समाज को समानता का संदेश दिया। इस कड़ी में कथा व्यास ने बताया श्रीमद् भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है, वहीं इस कथा को कराने वाले भी पुण्य के भागी होते हैं। कथा के अंतिम दिवस सुखदेव द्वारा राजा परीक्षित को सुनाई गई श्रीमद् भागवत कथा पूर्णता प्रदान करते हुए विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया। उन्होंने सात दिन की कथा का सारांश बताते हुए कहा कि जीवन कई योनियों के बाद मिलता है और इसे कैसे जीना चाहिए के बारे में भी उपस्थित भक्तों को समझाया। सुदामा चरित्र को विस्तार से सुनाते हुए श्री कृष्ण व सुदामा निश्चल मित्रता का वर्णन करते हुए कहा कि कैसे बिना याचना के कृष्ण ने गरीब सुदामा की स्थिति को सुधारा। आचार्य ने गो सेवा कार्य करने पर जोर दिया। सुदामा की मनमोहक झांकियों का चित्रण किया गया जिसे देख हर कोई भावविभोर हो उठा। कथा के अंत में श्री कृष्ण के दिव्य लोक पहुंचने का वर्णन किया गया। महा आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया। मुख्य यजमान दयावती व देवी प्रसाद पाण्डेय के घर पर चार फरवरी से दस फरवरी तक श्रीमद्भागवत कथा का रसपान भक्तों को कराया गया। कथा श्रवण  करने के लिए पधारे विजय बहादुर पांडे, शिवकुमार पांडे, राहुल पांडे ओमप्रकाश तिवारी,संदीप कुमार,अर्जुन, जगदम्बा प्रसाद पांडेय  सहित महिलाओ बच्चो ने कथा का रसपान किया।कथा के उपरांत बुधवार को विशाल भंडारा आयोजित किया गया है।

 

 

रिपोर्टर : राहुल पांडेय

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