राम भरोसे चल रहा मिल्कीपुर सीएचसी का कार्यालय

अयोध्या - मिल्कीपुर सीएचसी मिल्कीपुर विवादों की वजह से अपने आप में कई दशकों से जानी जाती है। इसका नाता हमेशा से ही गहरे विवादों से रहा है। विगत तीन दशकों तक इस कार्यालय पर चर्चित/फर्जी नौकरी कर रहे स्वास्थ्य पर्यवेक्षक दुर्गा प्रसाद यादव (डीपी यादव) का कब्ज़ा रहा। डीपी यादव ने विगत 30 वर्ष तक एक ही सीएचसी मिल्कीपुर में नौकरी की जब तक यह स्वास्थ्य पर्यवेक्षक मिल्कीपुर में रहा कोई भी लिपिक यहां नौकरी नही कर पाया। वह कागजों मे ही सिमटा रहा। उसके सोहावल स्थानांतरण के बाद वरिष्ठ लिपिक के पद पर शशि भूषण तिवारी की तैनाती हुई। तैनाती के बाद से ही श्री तिवारी द्वारा कई बार सीएमओ अयोध्या को चार्ज के लिए पत्राचार किया गया। लेकिन बात उस स्वास्थ्य पर्यवेक्षक की थी जिसका पूरे जिले में चलता था। चार्ज दिलवाने में कोई भी जिले का सक्षम अधिकारी सफल नहीं रहा आख़िर काम किसी तरह से चलता रहा। अचानक वरिष्ठ लिपिक शशि भूषण तिवारी का स्थानांतरण विवादों में रहने की वजह से तारुन सीएचसी हो गया। अब नम्बर आया सीएमओ कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक उधम सिंह का ये तो पहले वाले बाबुओं से भी माशाअल्लाह निकले। इनके द्वारा 19 मई को मिल्कीपुर सीएचसी पर लिपिक का चार्ज हस्तगत किया गया। इनके आने के बाद सीएचसी मिल्कीपुर पर विगत एक माह से ताला लटका हुआ है। इनके हस्ताक्षर उपस्थिति पंजिका पर बन जाते हैं। एक माह में एक सप्ताह भी इनके द्वारा सीएचसी पर कार्य नही किया गया है। यह लिपिक अपने आप को सीएमओ अयोध्या का करीबी बताता है। कहता है हमारी बात सीएमओ अयोध्या से हो गई है,हमारे पास कोई चार्ज नही है। इस मामले में जब भी बात सीएचसी प्रभारी डॉक्टर गया प्रसाद विश्वकर्मा से की जाती है उनका कहना होता है मेरे द्वारा कई बार पत्राचार सीएमओ अयोध्या से किया गया है लेकिन उसका कोई भी हाल अभी तक नही निकला है।

रिपोर्टर - विपिन शुक्ला

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