इश्क़ जब हदें पार करता है, तो वो या तो अमर कहानी बन जाती है, या फिर डरावनी!

दुनिया में प्रेम कहानियाँ बहुत सुनी होंगी आपने – लैला-मजनूं, हीर-रांझा, रोमियो-जूलियट... लेकिन क्या आपने ऐसी मोहब्बत देखी है, जिसमें एक आदमी अपनी मरी हुई प्रेमिका की लाश को चुरा ले और फिर सात साल तक उसे पत्नी बनाकर अपने साथ बिस्तर पर रखे?

सुनने में भले ही ये किसी हॉरर फिल्म की स्क्रिप्ट लगे, लेकिन यह पूरी तरह सच है। आइए, मिलिए एक सनकी आशिक से — कार्ल टैंजलर से, जिसकी मोहब्बत ने मौत को भी शिकस्त देने की कोशिश की।

मरीज से मोहब्बत: हॉस्पिटल में हुआ दिल का हार्ट-अटैक
साल था 1931। अमेरिका के फ्लोरिडा शहर में 22 वर्षीय खूबसूरत युवती ऐलेना डे होयोस को टीबी (ट्यूबरक्युलोसिस) हो गया। इलाज के लिए उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मुलाकात हुई रेडियोलॉजिक टेक्नीशियन कार्ल टैंजलर से।कार्ल कोई डॉक्टर नहीं था, लेकिन उसका यकीन था कि वो ऐलेना को अपने "विशेष इलाज" से ठीक कर सकता है। इलाज के नाम पर उसने अजीबोगरीब तरीके अपनाए — जादू-टोना, इलेक्ट्रिक मशीनें, और अंधविश्वास से भरे प्रयोग।इस दौरान, कार्ल को ऐलेना से एकतरफा प्यार हो गया। लेकिन ऐलेना ने उसे कभी स्वीकार नहीं किया।

मौत के बाद शुरू हुई मोहब्बत की असली कहानी
25 अक्टूबर 1931 को ऐलेना ने दम तोड़ दिया। दुनिया के लिए यह अंत था, लेकिन कार्ल की प्रेम कहानी यहीं से शुरू हुई।कार्ल ने ऐलेना की कब्र खुद बनवाई, और उसकी चाबी सिर्फ उसके पास रखी। दो साल तक वह हर रात उस समाधि पर जाता, फूल चढ़ाता, गिफ्ट देता, और यहां तक कि फोन भी लगवाया, ताकि बात कर सके!लेकिन जल्द ही कार्ल को यह सब काफी नहीं लगा — और 1933 में उसने कब्र से ऐलेना के शव को चुरा लिया और अपने घर ले आया।

कंकाल से पत्नी बनाने की सनकी कोशिश

अब शुरू हुआ सनक का वो अध्याय, जिसने इतिहास के पन्नों में कार्ल का नाम दर्ज कर दिया।शव को कोट हैंगर पर टांगा और मोम से उसका शरीर बनाया,कांच की आंखें लगाईं,,चेहरा प्लास्टर और रेशमी विग से सजाया,दुर्गंध से बचने के लिए ढेर सारा इत्र छिड़का,ऐलेना को कपड़े पहनाता, गहने पहनाता... और उसे बिस्तर पर अपनी बीवी की तरह रखता..जी हाँ, सात साल तक वह इस कंकाल के साथ सोता रहा। मोहब्बत थी या पागलपन? इसका फैसला आप करें।

सच आया सामने, तो दंग रह गई दुनिया

1940 में ऐलेना की बहन को कुछ शक हुआ और वह कार्ल के घर जा पहुँची। जो उसने वहाँ देखा, उसने उसकी रूह को हिला दिया।एक मरा हुआ इंसान, अब एक सजाया गया "डॉल" बन चुका था, जो कार्ल के बिस्तर पर उसकी बीवी बनकर लेटा था।पुलिस ने कार्ल को गिरफ्तार किया — कब्र चोरी और शव के साथ आपत्तिजनक व्यवहार के आरोप में। लेकिन क़ानूनी पेंचों की वजह से उसे कोई सजा नहीं हुई।

चौंकाने वाली बात ये थी कि जब मामला सामने आया, तो लोग दो हिस्सों में बंट गए:कुछ ने उसे "सच्चा प्रेमी" बताया, जिसने मौत को भी प्रेम के रास्ते में रोड़ा नहीं बनने दिया।कुछ ने उसे मानसिक रोगी कहा, जो अपनी सनक को प्यार का नाम दे रहा था।ऐलेना का शव फिर से एक गुप्त स्थान पर दफनाया गया, ताकि दोबारा ऐसा हादसा न हो सके।1952 में कार्ल की मौत हो गई। लेकिन हैरानी की बात ये थी कि मरने के बाद उसके पास एक गुड़िया मिली, जो हूबहू ऐलेना जैसी बनाई गई थी।

ये कहानी हमें सोचने पर मजबूर कर देती है — प्यार की कोई सीमा है क्या? क्या वाकई कुछ लोग इस हद तक मोहब्बत कर सकते हैं? या फिर यह सब एक बीमार दिमाग की उपज थी?कार्ल टैंजलर की कहानी सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं, बल्कि वो आइना है जिसमें इंसान के जुनून, पागलपन और अकेलेपन की झलक दिखाई देती है।

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