भारत के गांवों की अजीब लेकिन सच्ची परंपराएं

भारत एक ऐसा देश है जहाँ हर गांव की अपनी अनोखी पहचान होती है। कुछ गांव ऐसे भी हैं, जहाँ की परंपराएं और रीति-रिवाज बाकी दुनिया को हैरान कर सकते हैं। ये परंपराएं भले ही हमें अजीब लगें, लेकिन इनकी जड़ें गांव की संस्कृति, आस्था और परंपरा में गहराई से जुड़ी होती हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसी ही सच्ची और अनोखी परंपराओं के बारे में।
1. मेघालय का 'सीटी वाला नाम' गांव – कोंगथोंग
मेघालय के कोंगथोंग गांव में किसी को उसके नाम से नहीं बुलाया जाता। यहाँ हर इंसान का एक खास सीटी की धुन होती है। माँ अपने बच्चे के लिए ये धुन बनाती है और वही उसकी पहचान बन जाती है। यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है और गांव के लोग इसे बड़े गर्व से निभाते हैं।
2. महाराष्ट्र का 'साँपों वाला गांव' – शेतफळ
महाराष्ट्र के शेतफळ गांव में हर घर में सांपों का रहना आम बात है। लोग इनको पूजा करते हैं और ये मानते हैं कि सांप उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुँचाएंगे। यहां कोबरा जैसे जहरीले साँप भी खुले घूमते हैं, लेकिन आज तक कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
3. कर्नाटक का गोबर से होली – गोरहब्बा त्योहार
कर्नाटक के एक गांव गुमतापुरा में दीवाली के बाद गोबर फेंकने का त्योहार मनाया जाता है, जिसे "गोरहब्बा" कहते हैं। लोग एक-दूसरे पर गाय के गोबर फेंकते हैं। वहां के लोग मानते हैं कि यह परंपरा बीमारियों से बचाती है और गांव में शांति लाती है।
4. आंध्र प्रदेश की 'गोबर युद्ध' परंपरा
आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में एक परंपरा है जिसे 'पीड़कला युद्ध' कहा जाता है। इसमें गांव के लोग दो दलों में बंटकर सूखे गोबर को एक-दूसरे पर फेंकते हैं। यह त्योहार आपसी भाईचारे और परंपरा का प्रतीक माना जाता है।
5. राजस्थान का 'महिलाओं की होली'
राजस्थान के कुछ गांवों में होली के दिन केवल महिलाएं होली खेलती हैं और पुरुषों को गांव छोड़ना पड़ता है। यह परंपरा इसलिए निभाई जाती है ताकि महिलाएं आज़ादी से त्योहार मना सकें। यह एक अनोखा सामाजिक नियम है जो वहां सालों से चलता आ रहा है।
6. उत्तराखंड के गांव जहाँ होली नहीं मनाई जाती
उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के कुछ गांवों में होली नहीं मनाई जाती। गांव के बुजुर्गों का मानना है कि अगर वे होली मनाएंगे, तो कोई अनहोनी हो सकती है। इसलिए वहां के लोग चुपचाप उस दिन घर में रहते हैं और त्योहार नहीं मनाते।
इन प्रथाओं को जानकर भले ही पहली बार में अजीब लगे, लेकिन इनके पीछे की सोच, आस्था और समाज की व्यवस्था बहुत गहरी होती है। ये परंपराएं भारत की संस्कृति की विविधता और गहराई को दर्शाती हैं।हर गांव की अपनी एक कहानी होती है — जो बताती है कि भारत सिर्फ एक देश नहीं, बल्कि हजारों अनोखी दुनिया का संगम है।
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