राष्ट्रीय पञ्चायत राज दिवस के अवसर पर संगोष्ठी आयोजित

बदायूं : राष्ट्रीय पञ्चायत राज दिवस के अवसर पर जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के तत्वावधान में संगठन के शिव पुरम बदायूं स्थित मुख्यालय पर ""पञ्चायत राज व्यवस्था और विकसित भारत "" विषयक संगोष्ठी का आयोजन संरक्षक एम एल गुप्ता की अध्यक्षता में किया गया। सर्वप्रथम राष्ट्र राग ""रघुपति राघव राजाराम....."" का कीर्तन किया गया तत्पश्चात ध्येय गीत "" जीवन में कुछ करना है तो मन को मारे मत बैठो....."" का सामूहिक गायन किया गया। तत्पश्चात संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया। संगोष्ठी के पश्चात पंचायत राज व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए जाने की मांग को लेकर देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री प्रदेश के राज्यपाल व मुख्यमंत्री को जिलाधिकारी बदायूं के माध्यम से मांग पत्र प्रेषित किए गए साथ ही पहलगाम में हुई आतंकी घटना की भर्त्सना करते हुए कश्मीर में पूर्व सैनिकों को पुनर्वासित किए जाने की मांग करते हुए मांग पत्र प्रेषित किया गया। इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के अध्यक्ष/ संस्थापक हरि प्रताप सिंह राठौड़ एडवोकेट ने कहा कि सबल पंचायतें ही विकसित भारत के निर्माण में सहायक सिद्ध होगी। सत्ता का विकेंद्रीकरण करते हुए व्यवस्था में जन भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु नीति नियंताओं द्वारा पंचायती राज की परिकल्पना की गई। देश की संसद की तरह, राज्य विधानसभाओं की तरह गांव की संसद की कल्पना की गई। भ्रष्ट तत्वों द्वारा पंचायत राज व्यवस्था को निष्क्रिय कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया। पंचायतें अयोग्य और अक्षम प्रतिनिधियों को सौंप दी गई। दुर्भाग्य का विषय है कि अधिकांश पंचायत प्रतिनिधि गांव में निवास नही कर रहे हैं। ग्राम पंचायतों के अपने कार्यालय नहीं है, सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत अधिकारी व लेखपाल की नियुक्ति नहीं की गई है, सभी ग्राम पंचायतों में उत्तर प्रदेश पंचायत राज नियमावली के नियम 63 में वर्णित अभिलेख उपलब्ध नहीं है । श्री राठौड़ ने कहा कि पंचायत राज अधिनियम में दी गई व्यवस्था के अनुसार ग्राम पंचायत की बैठकें नियमित रूप से आयोजित नहीं की जाती है, पंचायत राज अधिनियम में दी गई व्यवस्था अनुसार गठित आधा दर्जन समितियां ग्राम पंचायतों में सक्रिय नहीं हैं , ग्राम पंचायतों में कराये गये विकास कार्यों का विवरण सार्वजनिक स्थानों पर अंकित नहीं किया जाता है, ग्राम पंचायत में नियुक्त सफाई कर्मी सफाई कार्य न करके किसी नेता या अधिकारी के यहां सेवा दे रहे है , राजस्व सन्हिता में दी गई व्यवस्था के अनुसार ग्राम पंचायतों में ग्राम राजस्व समितियों का गठन नहीं किया गया है , राशन की निगरानी हेतु गांवों में सतर्कता समिति गठित नहीं की गई है, महिला प्रतिनिधियों के स्थान पर उनके निकट सम्बन्धी कार्य कर रहे हैं। जिस अनुपात में महिला प्रतिनिधि चुने जाते हैं,उस अनुपात में महिला अधिकारियों व कार्मिकों की नियुक्ति नहीं की गई है। रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के अंतर्गत प्रतिवर्ष कितने लोगों को सौ दिन रोजगार मिला उनकी सूची प्रति वर्ष सार्वजनिक की जाए। संसद व विधानसभा की कार्यवाही आम जनता देख सकती है तो ग्राम पंचायत की कार्यवाही देखने का अधिकार आम नागरिकों को मिले। केंद्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल ने कहा कि ग्राम पंचायतों में विकास योजनाओं व विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी ब्लाक की है । ब्लाक में खन्ड विकास अधिकारी नहीं। ब्लाक में सहायक विकास अधिकारी नहीं हैं, ब्लाक में अवर अभियंता नहीं, ब्लाक में प्रधान लिपिक नहीं, ब्लाक में आन्किक सहित अन्य लिपिक नहीं, ब्लाक में कर्मचारियों को बने आवास खन्डहर हो गये हैं। इसी प्रकार तहसीलों में तहसीलदार, नायब तहसीलदार , राजस्व निरीक्षक और लेखपाल के पद बड़ी संख्या में रिक्त हैं। दोषपूर्ण चुनाव व्यवस्था व दूषित मतदाता सूची के कारण अधिकांश पंचायते नगरों में निवास करने वाले व्यक्तियों के नियंत्रण में है। इस अवसर पर प्रमुख रूप से मार्गदर्शक धनपाल सिंह, संरक्षक एम एल गुप्ता, एच एन सिंह, सुरेश पाल सिंह चौहान, उपाध्यक्ष डॉ सुशील कुमार सिंह, केंद्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल , मंडल समन्वयक एम एच कादरी, जिला समन्वयक आर्येंद्र पाल सिंह, सह जिला समन्वयक राम लखन, तहसील समन्वयक बिसौली विपिन कुमार सिंह, रचित सक्सेना , कृष्ण कुमार एडवोकेट , ज्ञानदीप शर्मा , यतिष्का शर्मा आदि की सहभागिता रही।
रिपोर्टर : आकाश पाठक
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