अक्षय तृतीया पर होने वाले बाल विवाहों पर रहेगी जिला प्रशासन की नजर - अरुण कुमार एडीएम प्रशासन।

उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देशन में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम-2005 की धारा-17 के अन्तर्गत अधिनियम की धारा-13 (1) के सम्बंध में हो रहे बाल विवाह की रोकथाम के लिए बाल विवाह में हिस्सा लेने बाले व्यक्तियों पर कानूनी कार्यवाही का प्राविधान किया गया है विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष एवं लड़के की उम्र 21 वर्ष होना अनिवार्य है यदि इससे कम उम्र की शादी लड़के अथवा लड़की की होती है तो वह अपराध की श्रेणी मे आता है जिसके लिए बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह दंण्डनीय अपराध है। इसमें 18 वर्ष से कम आयु की बच्चियों का विवाह करने पर 02 साल की जेल व एक लाख रूपये के जुर्माने का प्रावधान है। ऐसे विवाह में हिस्सा लेने वाले लोगो पर भी कानूनी कार्यवाही का भी प्राविधान है। उपरोक्त के सम्बंध में जनपद में सभी शासकीय/अशासकीय/ परिषदीय एवम वित्त विहीन एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बदायूं के द्वारा सर्कुलर जारी का अतिशीघ्र बाल विवाह की सूचना देने हेतु आदेशित किया गया है एवम एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, पुलिस व चाइल्डलाइन बदायूं के द्वारा बाल विवाह रोकने एवं जागरूक करने हेतु विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है। बाल विवाह प्रथा को रोकने के लिए यदि किसी को बाल विवाह से सम्बंधित सूचना प्राप्त होती है या बाल विवाह होने के सम्बध में कोई सूचना देना चाहता है तो जिला प्रोबेशन अधिकारी 7518024013, जनपद बदायूॅ, बाल कल्याण समिति प 9012120778, जनपद बदायूॅ, एवं चाइल्डलाइन बदायूं मो0नं0 1098, 9410294945, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट प्रभारी 9897998304 से सम्पर्क कर बाल विवाह से सम्बंधित शिकायत को दर्ज कराया जा सकता है जिसमे शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाएगा । संवाददाता आकाश तोमर
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