श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा का प्रथम वर्षगांठ
बलिया - आर .के. मिशन स्कूल सागरपाली बलिया में हर्षोल्लास के साथ श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा का प्रथम वर्षगांठ मनाया गया। सर्वप्रथम कक्षा नर्सरी से यूकेजी के छात्र राम ,सीता एवं हनुमान के रूप में मंच पर मंचासीन होकर कार्यक्रम के शुभारंभ को जीवंत कर दिया। दर्शक छात्र-छात्राओं ने श्री राम का जयघोष करते हुए करतल ध्वनि से प्रभु राम का स्वागत करके विद्यालय के वातावरण को भक्तिमय कर दिया। कक्षा नर्सरी के छात्र अभिराज सिंह ,ऋषिका, शिवांशी, देवांश , अमोलिका एवं शिवांश गिरी ने 'एक थे राजा राम अवध के 'कविता के माध्यम से संपूर्ण रामायण की कथा को वर्णित किए। इन नन्हे मुन्ने बच्चों के स्वर एवं भाव भंगिमा को देखकर पूरा विद्यालय अचंभित था। तत्पश्चात कक्षा नौवीं की छात्राओं ने एक कविता के माध्यम से प्रभु राम के प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर अयोध्या नगरी की शोभा को चित्रित किया। कविता का बोल था "सज गई साकेत नगरी मेरे राम जी की जन्मस्थली"। छात्राओं के मुख से निकला कविता का स्वर बहुत ही जीवंत प्रतीत हो रहा था । कक्षा नौवीं की छात्रा सिमरन राय ने अपने सस्वर भाषण के माध्यम से प्रभु राम के चरित्र को चरितार्थ किया। कशिश, आदित्री, साक्षी ,सिमरन एवं अर्पिता ने "राम राम राम मेरे राम तेरे नाम से बड़ा ना कोई धाम "संगीत को गाकर अपनी भाव विह्वलता को उजागर किया, तो दूसरी तरफ कक्षा 11वीं की छात्राएं -सृष्टि ,आयुषी, अंजलि ,साक्षी और खुशी ने "तेरे चेहरे में मेरे राम नजर आते हैं "संगीत के माध्यम से सब का मन मोह लिया। संगीत का लेखन एवं ताल संगीत शिक्षक चंद्रलोक वर्मा द्वारा दिया गया था। चरण पादुका उठाते हुए भरत को देख द्रवित हुई सभा कक्षा द्वितीय का छात्र शिवम सिंह ने भरत के चरित्र को चरितार्थ करते हुए जब श्री राम के चरणपादुका को प्रणाम कर आंसू बहाते हुए अपने मस्तक पर उठाकर मंच से प्रस्थान किया तो सभी दर्शक छात्र-छात्राएं एवं शिक्षक समूह द्रवीभूत हो उठे। राम और भरत के भ्रातृ प्रेम से सबका हृदय तल डोल उठा। कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री प्रदीप सिंह ने मर्यादा पुरुषोत्तम राम के चरित्र पर प्रकाश डालते हुए छात्र-छात्राओं को संयमित एवं मर्यादित रहने की प्रेरणा दी विद्यालय के प्रबंधक हर्ष श्रीवास्तव ने छात्र-छात्राओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि राम का चरित्र हमारे लिए पूजनीय है और हमें इसे अपने निजी जीवन में उतरना चाहिए तथा उन्होंने कहा कि यह हमारी धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर है जिसे सजाए रखना हमारा कर्तव्य है। कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के शिक्षक शिक्षिका रीता त्रिपाठी, रीता देवी, मनीषा सिंह, अंजनी प्रजापति ,आस्था सिंह, सुनीता ज्योति, प्रशांत मौर्य, धर्मेंद्र वर्मा इत्यादि शिक्षक शिक्षिका उपस्थित थे ।मंच संचालन का कार्य हिंदी शिक्षक उत्कर्ष तिवारी द्वारा किया गया।
रिपोर्टर - श्री कृष्ण तिवारी
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