माँ बंजारी धाम जुंगेरा में पुस्तक चर्चा एवं साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया

बालोद : मधुर साहित्य परिषद जिला बालोद द्वारा बटकेश्वर महादेव मंदिर परिसर माँ बंजारी धाम जुंगेरा में पुस्तक चर्चा एवं साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, इस कार्यक्रम में बालोद जिला के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अशोक आकाश की कृति मदिरालय पर चर्चा गोष्ठी के साथ काव्य पाठ का आयोजन किया गया। उक्त आयोजन के मुख्य अतिथि डॉ. इकबाल खान तन्हा छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग मानपुर मोहला जिला समन्वयक रहे, अध्यक्षता मधुर साहित्य परिषद् जिला बालोद अध्यक्ष डॉ अशोक आकाश ने की। विशिष्ट अतिथि प्रशांत पारख वरिष्ठ अधिवक्ता बालोद, देव जोशी गुलाब वरिष्ठ साहित्यकार एवं व्याख्याता, लखन लाल कलामे लहरिया वरिष्ठ साहित्यकार एवं जिला पंचायत सदस्य मोहला, सुप्रसिद्ध साहित्यकार संत दिनेंद्र दास , कन्हैयालाल बारले , जितेंद्र पटेल एवं जसवंत मांडवी रहे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ समिति अध्यक्ष डॉ अशोक आकाश के स्वागत उद्बोधन से प्रारंभ हुआ उन्होंने समस्त अतिथियों एवं साहित्यकारों का स्वागत करते आयोजन की रूपरेखा रखते, मधुर साहित्य परिषद् जिला बालोद की आगामी कार्ययोजना पर बात रखते 28 जुलाई 2025 को होने वाले स्थापना दिवस समारोह एवं संस्था की वार्षिक पुस्तिका विमोचन समारोह की रूपरेखा रखते आज के आयोजन में उक्त कार्यक्रम में डॉ.अशोक आकाश की नवीन काव्य कृति मदिरालय पर चर्चा गोष्ठी की गई । चर्चा में भाग लेते संत दिनेन्द्र दास साहेब ने कहा मदिरा पीने के बाद लोग अपना संस्कार भूल जाते हैं, मर्यादाहीन हो जाते हैं सुध-बुध खो बैठते हैं, ऐसे लोगों को उनके रिश्तेदार अन्य व्यक्ति पसंद ही नहीं करते , जीवन सुधारने सद् मार्ग में चलने प्रेरित करती काव्यकृति मदिरालय के माध्यम से डॉ.अशोक आकाश ने जनमानस की दुखती रग पर हाथ रखकर कविता लिखे हैं निश्चित ही जनमानस में लोकप्रिय होगा ।
पुस्तक चर्चा में बात करते हुए व्याख्याता देव जोशी गुलाब ने कहा मदिरालय व्यंगात्मक काव्य कृति है जिसमें मदिरा प्रेमी के स्वभाव की विश्लेषणात्मक विवेचन करते हुए व्यंग्यात्मक प्रहार किया गया है। सरकारी तन्त्र की पोल खोलती व्यंग्य काव्य सबकी आँख खुलेगी। मानपुर मोहला से आए लखन लाल कलामे लहरिया ने कहा डॉ.अशोक आकाश द्वारा रचित काव्य कृति मदिरालय बहुत ही सुंदर और सरल भाषा में युवा पीढ़ी को व्यंग के माध्यम से कटाक्ष कर नशा से दूर रखने का साहित्यिक एवं नव सृजनात्मक प्रयास है, जिसमें उन्होने संदेश देते हुए काव्य सृजित है। इस पुस्तक से समाज में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा इसके लिए डॉ.अशोक आकाश को मैं धन्यवाद देता हूं।
शिक्षा श्री राज्यपाल पुरस्कृत व्याख्याता धर्मेंद्र कुमार श्रवण ने कहा डॉ.अशोक आकाश वरिष्ठ साहित्यकार हैं उनके द्वारा सृजित मदिराल व्यंग्य का सर्वोत्तम काव्य साहित्य है जिसका अध्ययन किया तो पाया कि जनता आज मदिरा पीकर समाज को दूषित कर रहे हैं और सरकार का वरदहस्त प्राप्त है, पुस्तक से जन चेतना लौटेगी और सरकार चेतेगी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. इकबाल खान तन्हा ने पुस्तक चर्चा करते कहा -- युवा जश्न के माहौल को दुख के समंदर में बदल रहे हैं, यह निश्चित निन्दनीय है और उस पर यह दुकान स्वतः सरकार द्वारा संचालित है तो जनता मूक हो जाती है, मदिरा के मद में झूमे लोग अपराध राह पर चल रहे हैं ऐसे समय में डॉ.अशोक आकाश की व्यंग्य काव्य कृति सरकार को आईना दिखा रही है। समाज विकृति की ओर अग्रसर है। कवयित्री श्रीमती गायत्री साहू ने कहा मदिरालय का अध्ययन के साथ जीवन में उसके संदेश को उतारने का है आज अधिकांश लोग मदिरा पीकर मान मर्यादा भूल बैठे हैं मदिरालय पुस्तक से समाज में जागरूकता लाने की अनोखा पहल की गई है इसके लिए कवि आकाश जी धन्यवाद के पात्र हैं । विशिष्ट अतिथि जसवंत कुमार मंडावी राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त व्याख्याता ने चर्चा गोष्ठी में बात करते कहा मदिरालय पढ़कर युवाजन को सद् मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलेगी, युवाजन इस पुस्तक को पढ़ेंगे और सद् मार्ग की ओर अग्रसर होंगे ऐसा मेरा विश्वास है उन्होने मदिरालय की कुछ पंक्तियॉं पढ़कर मदिरालय में व्यंग्य की ऊँचाई का एहसास कराया -
दुनिया वालों मदिरा प्रेमी के,
महफ़िल का गुणगान करो।
दूध बेचकर दारू पीने,
वालों का सम्मान करो।
मदिरा अमृत और मदिरालय,
इन्हें स्वर्ग का द्वार लगे।
मदिरा विक्रयकर्ता तो,
साक्षात ब्रह्म अवतार लगे।
चर्चा गोष्ठी में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे साहित्यकार डॉ.अशोक आकाश ने सम्बोधित करते अपनी व्यंग्य काव्य मदिरालय पर सभा को सम्बोधित करते कहा - आज पूरे देश में मदिरालय सरकारी खजाना भरने की सरकारी योजना का नाम है, जो जनता का खून निचोड़ने का कार्य कर रही है। आज पूरे देश में एक पेड़ मॉं के नाम की गूँज है, लाखों पौधे लगाये जा रहे हैं, इसके बाद इन पौधों को भगवान भरोसे छोड़ दिया जायेगा, देश भर की मॉंओं के सपने टूट जायेंगे लेकिन जिस दिन एक पौधा पति के नाम लगाने की घोषणा होगी देश भर में महिलाएं अपने लगाये पौधों को सुरक्षित भी रखेंगे, क्योंकि देश के अधिकांश पति तो मदिरा के मद डूबे रहते हैं। उन्हें अपनी मॉं की ही फिक्र नहीं है तो मॉं के नाम पौधे की क्या फिक्र होगी, हजार पौधे लगाने से बेहतर सौ पौधे लगायें लेकिन पूरे पौधे सुरक्षित रहेंगे तभी योजना सार्थक होगी।
चर्चा गोष्ठी में जितेन्द्र पटेल, वीरेंद्र अजनबी, देवनारायण नगरिया, कन्हैया लाल बारले ने भी संबोधित किया दो सत्र में चले कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में काव्य पाठ हुआ जिसमें सभी साहित्यकारों ने काव्य पाठ कर जनमानस को संदेश दिया उक्त आयोजन में एक पेड़ माँ के नाम कार्यक्रम की गूंज रही सभी कवियों ने एक पेड़ मॉं के नाम लगाने और उसकी आजीवन रक्षा कर्तव्य निभाने की की प्रेरणा पूर्ण काव्य पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन मधुर साहित्य परिषद् तहद इकाई डौंडीलोहारा सचिव लालेश्वर अरुणाभ ने किया। संस्था प्रमुख डॉ.अशोक आकाश के आभार प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई।
रिपोर्टर : रमेश कुमार चेलक
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