कागजों में 125 गौशाला में मिले 90 कहाँ गायब हो गए गौवंश

बाँदा : गौशालाओं में गौवंशो की सुरक्षा के नाम पर जिम्मेदारों द्वारा बडी लापरवाही की जा रही है । जहाँ गौशालाओं में गौवंशो के भरण-पोषण के लिये प्रति गौवंश 30 रुपये से बढाकर 50 रूपये प्रतिदिन कर दिये जाने के बाद भी उनकी ब्यवस्था बदहाल है। जहाँ गौवंशो के साथ आवश्यक चारे भूसे की ब्यवस्था में गडबडी कर कम गौवंशो की जगह अधिक संख्या दिखाकर सरकारी धनराशि का बंदरबांट किया जा रहा है। मामला कमासिन ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत पाली गौशाला का है । जिसका विश्व हिंदू महासंघ गौरक्षा समिति के जिलाध्यक्ष महेश प्रजापति ने अपनी टीम के साथ निरीक्षण किया जिसमें गौशाला में की जा रही बडी गडबडी उजागर हुई। जहाँ गौवंशो को चारे भूसे व निर्धारित पोषाहार की जगह सिर्फ सूखा पयार ही खिलाया जा रहा है। गौवंशो के साथ अमानवीय व्यवहार कर उन्हें रस्सी से बांधकर घसीटे जाने का मामला भी सामने आया है। जिसका जिलाध्यक्ष ने विरोध कर उच्चाधिकारियों से कार्यवाही की मांग की है। गौशाला में ग्राम प्रधान की उपस्थिति में गौवंशो की गिनती की गई जिसमें 90 गौवंश संरक्षित मिले जिसमें जिलाध्यक्ष ने पशु चिकित्सा अधिकारी कमासिन सहित जिम्मेदार अधिकारियों से पशुओं की संख्या के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि कागजों में 125 गौवंशो की डिमांड भेजी गयी है। अब सवाल यह है कि गौवंशो की संख्या में इतना बड़ा अंतर क्यों आ रहा है। जहां मौके पर 90 और कागजों में 125 गौवंश दिखाये जा रहे हैं तो 35 गौवंश कहाँ गायब हो गये। जिस पर गौरक्षा जिलाध्यक्ष ने गायब गौवंशो की तस्करी किये जाने या जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से प्रधान द्वारा गौवंशो की संख्या में हेराफेरी कर कमीशनखोरी कर सरकारी धन के बंदरबांट करने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से कार्यवाही किये जाने की मांग की है। इसके पहले भी कई बार इस गौशाला में गौवंशो की बदहाल ब्यवस्था व उनकी हो रही मौतों के मामले उजागर होने के बाद भी इस गौशाला में लापरवाही बरती जा रही है। वहीं गांव के लोगों ने बताया की गौशाला के कुछ जानवर बाहर लोगों के खेतों की फसलें चर जाते हैं। प्रधान से कहा जाता है लेकिन वह कुछ सुनने को तैयार नहीं है। उल्टा डांट डपट कर धमकाकर भगा देते हैं।
रिपोर्टर : रामकृपाल यादव
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