बांग्लादेश मे फिर हुई तोड़फोड़। देश के संस्थापक का घर धवस्त किया गया।

Adarsh Kanoujia
बांग्लादेश में बुधवार रात एक बार फिर हिंसा भड़क गई। स्थानीय समय के अनुसार रात 9 बजे ढाका स्थित बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के आवास पर हुई। भीड़ ने उनके घर पर जमके तोड़फोड़ की फिर आग लगा दी। जिस वक्त हिंसा हुई उस वक्त बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ऑनलाईन जनता को संबोधित कर रही थी।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि राजधानी के धानमंडी इलाके में स्थित घर के बाहर हजारों की भीड़ एकत्रित हो गई इसके बाद घर को बुलडोजर से गिरा दिया गया। इस घर को पहले संघ्रालय में तब्दील कर दिया गया था।
प्रदर्शनकारियों ने इस घर को शेख हसीना की तानाशाही का प्रतीक बताया, पहले इस घर को स्वतंत्रता का प्रतीक माना जाता था। राजधानी में स्थित यह घर हसीना के दिवंगत पिता और बांग्लादेश के स्वतंत्र नेता शेख मुजीबुर्रहमान का था। जिन्होंने साल 1971 में पाकिस्तान से औपचारिक रूप से अलग होने के बाद बांग्लादेश की स्थापना की थी। साल 1975 में उनकी हत्या कर दी गई थी। पिता के मरने के बाद शेख हसीना ने इस घर संग्रहालय में बदल दिया था।
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए हसीना ने स्पष्ट रूप से नोबल पुरस्कार विजेता युनूस की सरकार पर इशारा करते हुए कहा अभी उनके पास इतनी ताकत नहीं है कि वो राष्ट्र ध्वज, देश का संविधान को नष्ट कर सके जिसे हमने लाखों सेनानियों के जीवन पर अर्जित किया है। वो इमारत को धवस्त कर सकते है लेकिन इतिहास को नहीं। उन्हें ये याद रखना चाहिए कि वक्त आने पर इतिहास बदला जरूर लेता है।
प्रदर्शनकारियों ने हसीना को दी थी चेतावनी-
शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने अपने सदस्यों और हसीना के समर्थकों पर हमले के आरोपो के बीच समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रही थी। इसके लिए पार्टा ने एक महीने तक चलने वाले विरोध प्रदर्शन की शुरूआत की थी। पिछले कुछ दिनों से हसीना ऑनलाईन माध्यम के जरिए लोगो को संबोधित कर रही थी। बुधवार को उग्रवादी लोगों ने हसीना को चेतावनी दी थी की अगर उन्होंने ऑनलाईन संबोधन किया तो वो उनका ढाका स्थित घर बुडोजर से उड़ा देंगे। हसीना जैसे ही संबोधन शुरू किया भारी संख्या मे प्रदर्शनकारी घर के बाहर पहुंच गए, प्रदर्शनकारी क्रेन, बुलडोजर और पोकलैंड मशीन ले कर पहुंचे थे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हसीना ने कहा कि वो इमारत गिरा सकते है इतिहास को नहीं। इतिहास बदला जरूर लेगा। हालांकि प्रदर्शनकारीयों ने घर को ध्वस्त करना जारी रखा। संबोधन में हसीना ने जनता से नई सरकार का वहिष्कार करने की बात कही और आरोप लगाया कि युनूस सरकार असंवैधानिक तरीके से सत्ता में आई है।
शेख हसीना पर गंभीर आरोप-
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने साल 2009 से सत्ता में आई हसीना सरकार पर भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया है। बदले में आवामी लीग ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार पर मानवाधिकारों का उल्लंघन करने और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समूहों को दबाने का आरोप लगाया है, जिसे अधिकारियों ने नकार दिया है।
भारत के खिलाफ हुई नारेबाजी-
छात्र नेता हसनत अब्दुल्ला ने हसीना के भाषण के खिलाफ मीडिया आउटलेट्स को चेतावनी दी थी और फेसबुक पर घोषणा की थी कि "आज रात बांग्लादेश को फासीवाद के तीर्थ स्थल से मुक्त कर दिया जाएगा।" कई प्रदर्शनकारियों ने पिछले साल उनके खिलाफ विद्रोह के दौरान सैकड़ों लोगों की मौत के लिए हसीना को फांसी की सजा देने की मांग करते हुए नारे लगाए। हसीना ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा मौतों की जांच का आग्रह किया। प्रदर्शनकारियों ने भारत की आलोचना करते हुए नारे भी लगाए। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है, लेकिन भारत ने कोई जवाब नहीं दिया है।
No Previous Comments found.