लघु सिंचाई गौरीपुर सैजवा बांध निर्माण की कार्य पर ग्रामीण की नजर

बांका - जिले के चांदन प्रखंड मुख्यालय से सहज 6 किलोमीटर दूरी पर सरकार की योजना हर खेत में  पानी पहुंचाने के लिए लघु जल संसाधन विभाग द्वारा गौरीपुर सेजवा बांध का जीर्णोद्धार कार्य 13/3/2025 से किया जा रहा है। लेकिन ठेकेदारों द्वारा जिस तरह से कार्य किया जा रहा है गौरीपुर के ग्रामीण काफी असंतुष्ट हैं। लोगों का कहना है कि इसके पूर्व भी एक बांध  गौरीपुर में बनकर तैयार हो गई जिसकी लागत 187.22 लाख की थी। ग्रामीणों का कहना है कि बिहार सरकार में कमीशन की सबसे ज्यादा मार होती है। सरकार सीधे-सीधे नाक नहीं छुती है, बल्कि घूमाकर नाक छूने का काम करती है। एक कहावत है हाथी को दांत दिखाने का और खाने का और होता है। जैसे बालू, हम जनता की नदी बालू, बेचने वाले दरोगा जी सकते हैं, चोरी करने का समय भी देखिए, रात्रि 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक आप बालू बेच सकते हैं। यहां भी कमीशन की बातें है। प्रखंड मुख्यालय में आज तक प्रखंड में जितने भी बांध नव निर्माण कार्य हुआ है, जैसे 3 लाख का कार्य 30 हजार रूपया में फाइनल हो गई है। उस बांध की गुणवत्ता किसी अधिकारी ने जांच नहीं किया। जैसे अभी कई गांव में पंचायत में पेयजल पानी की सुविधा के लिए पाताल बोरिंग करवाई गई। लेकिन पाताल बोरिंग के दौरान पानी नहीं मिला, फिर भी पाइप बिछाई जा रही है पानी टंकी बनाई जा रही है। चांदन ब्लॉक ही ले लीजिए, जहां पानी प्यास बुझाने के लिए एक भी चापाकल पानी नहीं दे रही है। छोटे-छोटे बच्चे रोज आधार कार्ड सुधरवाने, बनवाने के लिए आधार  केंद्र में आते हैं। लेकिन उनकी प्यास ब्लॉक परिसर के बाहर चाय की दुकान में पैसे देकर अपनी प्यास बुझानी पड़ती है जिस इंसान के पास पैसा नहीं रहता है वह पानी के लिए तरस जाते हैं। गौरीपुर पंचायत के उप मुखिया राकेश मेहता, गौरीपुर निवासी बरनेश पासवान, गोपाल दास, भगवान सिंह, आनंद राउत, जय नंदन सिंह, तुलसीदास आदि ग्रामीणों का कहना है कि गौरीपुर सेजवा बांध का प्राक्कलन राशि 1,0043,96,900 रुपया है। इस पर हम ग्रामीणों की नजर है। लोगों का आरोप है कि इस बांध की रकवा कितनी है बोर्ड में नहीं दिखाया गया है। तालाबों में मिट्टी की खुदाई योजनाओं के अनुसार नहीं की जा रही है। बांका सांसद श्री गिरधारी यादव ने भी रविवार को सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता कर लघु जल संसाधन विभाग की निविदा प्रक्रिया में भारी अनीता का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि 50% ही काम होता है। जबकि बिहार सरकार पारदर्शिता के लिए कृतसंकल्पित है। ऐसी स्थिति में बांध निर्माण के दौरान प्राक्कलन राशि के आधार पर हम ग्रामीणों को कम चाहिए। सैजवा बांध निर्माण कार्य में लगाए गए मुंशी का कहना है कि इस संबंध में मैं कुछ नहीं बोल सकता हूं। आप सभी जनता ठेकेदार से संपर्क कर सकते हैं।

रिपोर्टर - राकेश कुमार बच्चू 

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.