चिराग तले अंधेरा: सांसद, राज्यमंत्री और तीन बार विधायक रहे बैजनाथ रावत के चाचा कच्चे मकान में रहने को मजबूर

बाराबंकी : जिले के हैदरगढ़ क्षेत्र के ग्राम भुलभूलिया निवासी वरिष्ठ भाजपा नेता बैजनाथ रावत की सादगी, ईमानदारी और मृदुभाषिता के चर्चे आम हैं। वह एक बार सांसद, यूपी सरकार में राज्यमंत्री और तीन बार विधायक रह चुके हैं। वर्तमान में वह उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के अध्यक्ष हैं। राजनीति में उनकी गहरी पकड़ और ऊंचे कद के बावजूद, उनका अपना गांव भुलभूलिया एक गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है।दरअसल भुलभूलिया गांव में बैजनाथ रावत की भव्य हवेली के ठीक पास उनके सगे चाचा राम अवतार बदहाल जिंदगी जी रहे हैं। उम्र 80 साल से अधिक हो चुकी है लेकिन रहने के लिए पक्की छत तक नसीब नहीं हुई। राम अवतार एक छप्पर नुमा कच्चे मकान में गुजारा कर रहे हैं और कई बार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर दिलाने की मांग कर चुके हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने इस संबंध में अपने प्रभावशाली भतीजे बैजनाथ रावत से बात की, तो उन्होंने भारी मन से कहा, हां, कई बार कहा। प्रधान से भी कहा, अधिकारियों से भी कहा, लेकिन बस आश्वासन ही मिला। अब तक न तो सरकार ने घर दिया और न ही मेरे अपने भतीजे ने कोई मदद की। जब इस बारे में बैजनाथ रावत से सवाल किया गया तो उन्होंने आधार कार्ड में गड़बड़ी को वजह बताया और कहा कि अब सुधार हो चुका है जल्द ही उनके बहू के नाम से आवास मिलेगा। लेकिन बड़ा सवाल यह उठता है कि सांसद, राज्यमंत्री और तीन बार विधायक रहने के बावजूद क्या बैजनाथ रावत अपने सगे चाचा की सुध समय रहते नहीं ले सकते थे? क्या यह सच में चिराग तले अंधेरे जैसी स्थिति नहीं है
रिपोर्टर : नफीस अहमद
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