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अपर जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्र पति व केंद्रीय मंत्री विधि एवं न्याय दिया जन हित पत्र

बाराबंकी : श्री अवध बिहारी मिश्र सेवा ट्रस्ट के ट्रस्टी रितेश कुमार मिश्र आंदोलनकारी अधिवक्ता/ वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने अपर जिलाधिकारी अरुण सिंह के माध्यम से बार कौंसिल उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिव कुमार गौड के पत्र दिनांक 06/05/2025 के आदेश के विरोध में क्षुब्ध अधिवक्ताओं ने महामहिम राष्ट्रपति महोदय, केंद्रीय मंत्री विधि एवं न्याय को दिया जनहित पत्र अवगत हो कि माननीय उच्चतम न्यायालय की रिट पिटीशन (c) न० 352/2023 सौरय कुमार बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एंड अदर्स से पारित आदेश दिनांक 30/07/2024, माननीय उच्चतम न्यायालय की रिट पिटीशन (सिविल) न. 82/2023 अजय शंकर श्रीवास्तव बनाम कर काउन्सिल ऑपर इंडिया एंड अदसे में पारित आदेश दिनांक 10/04/2023, माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद की रिट विटीशन न० 42619/2023 पवन कुमार दुबे बनाम स्टेट बार काउन्सिल एंड अदर्स से पारित आदेश दिनांकित 21/12/2023 के परिप्रेक्ष्य में बार काउन्सिल ऑफ उत्तर प्रदेश को आदेशित किया गया था कि अधिवक्ताओं के पंजीयन फार्म के साथ सामान्य व पिछड़ी जातियों के अभ्यर्थियों से 750% व अनुसूचित जाति/जनजाति के अभ्यर्थियों से 125₹ लिए जाएं उक्त आदेश का अनुपालन बार काउन्सिल ऑफ उत्तर प्रदेश को मजबूरन अविलम्ब करना पड़ किन्तु वर्तमान समय में दिनांक 06/05/2025 को 3000 बार कॉसिल के अध्यक्ष श्री शिव कुमार गौड ने एक स्वहस्ताक्षरित पत्र प्रसारित कर अवगत कराया है कि जिन अधिवक्ताओं ने अधिवक्ता पंजीकरण शुल्क 750₹ या 125₹ देकर अधिवक्ता रजिस्ट्रेशन करवाया है ऐसे अधियकाओं का COP कार्ड व प्रमाण पत्र जारी करने से पूर्व सामान्य व पिछड़ी जातियों के अधिवक्ताओं से 14500₹ तथा अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के अधिवक्ताओं से 13500 ₹ जमा करना अनिवार्य होगा तब उनका COP कार्ड व प्रमाण पत्र जारी किया जाए गा तथा ऐसे अधिवक्ताओं से जिन्होंने सन 2015 से पूर्व विधि स्नातक की डिग्री प्राप्त किया है या 50 वर्ष से अधिक की आयु पूरी कर चुके है दोनों परिस्थितियों में ऐसे अभ्यर्थियों को उक्त सभी मर्दा के शुल्क के अतिरिक्त 20000₹ शुल्क COP कार्ड व प्रमाण पत्र जारी करने से पूर्व लिया जाएगा तथा जो सेवानिवृति होने के बाद या अन्य कारणों से प्रमाण एत्र समर्पण के बाद रिजम्पशन प्रेक्टिश करने का आवेदन करते हैं ऐसे अभ्यर्थियों से 35000 ₹ शुल्क जमा करवाएं जाने का तुकलक फरमान जारी किया गया इस आदेश से क्षुब्द अधिवक्ताओं ने दिया महामहिम राष्ट्रपति महोदय, केंद्रीय मंत्री विधि एवं न्याय को जिलाधिकारी के माध्यम से दिया ज्ञापन। आंदोलनकारी अधिवक्ता रितेश कुमार मिश्र ने बताया कि बार कौंसिल द्वारा लगातार अधिवक्ताओं के विरुद्ध आदेश किए जा रहे हैं जो बहुत ही दुखद है अधिवक्ताओं को मातृ संस्था बार कौंसिल से सकारात्मक सहयोग नहीं मिल रहा है बहुत ऐसे अधिवक्ता है जिनका प्रमाण पत्र कही गुम हो गया हो उनको डुप्लीकेट प्रमाणपत्र का शुल्क 100₹के स्थान पर 500₹ लिया जा रहा है जो अधिवक्ताओं का शोषण है ऐसी समस्याओं पर बार कौंसिल के मेम्बरानो को विचार करना चहिए तथा अधिवक्ताओं के हितों में अग्रसर होकर कार्य करना चाहिए। इस ज्ञापन के समय आंदोलनकारी अधिवक्ता रितेश कुमार मिश्र सहित रमन द्विवेदी,पवन मिश्रा,संजय गांधी, दिवाकर दत्त सिंह, पुरुषोत्तम मिश्र,रितेश कुमार, शुभम शर्मा, श्रीकांत,फरहत फातिमा,सुमन देवी, नेमावती, राहुल मिश्र,अवध बिहारी, पवन तिवारी, सुनीता यादव, सुमनकुमारी,अभिरूप मौर्या, विकास यादव, आकाश राय,शाकिब, हिमांशु,खुशी जायसवाल आदि उपस्थिति रहे।

रिपोर्टर : नफीस अहमद

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