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जातीय जनगणना पर केन्द्र सरकार की अधिसूचना अधूरी और भ्रामक हैं: पी एल पुनिया

बाराबंकी : जातीय जनगणना  पर केन्द्र सरकार की अधिसूचना अधूरी और भ्रामक हैं। सरकार का जाति की गिनती से भागना सामाजिक न्याय से धोखा हैं। उक्त प्रतिक्रिया पूर्व सांसद एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ.पी.एल.पुनिया ने केन्द्र सरकार द्वारा बहुप्रतीक्षित 16 वीं राष्ट्रीय जनगणना को लेकर जो अधिसूचना जारी की गयी हैं उस पर व्यक्त करते हुए कहा कि जो अधिसूचना सरकार द्वारा जारी की गयी हैं वह देश के करोड़ो, वंचित, पिछड़े और दलित वर्गों की आकांक्षाओं पर पानी फेरने जैसी हैं। अधिसूचना में जातीय गणना के उल्लेख से परहेज किया गया हैं जिससे प्रतीत होता हैं कि सरकार सामाजिक न्याय के मुद्दे पर यू-टर्न ले रही हैं। पूर्व सांसद श्री पुनिया ने कहा कि सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया हैं कि जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाऐगी, 1 अक्टूबर 2026 से सीमावर्ती और हिमालयी क्षेत्रों में तथा 1 मार्च 2027 से देश के शेष हिस्सों में, यह जनगणना पूर्ण रूप से डिजिटल आधारित होगी, मोबाइल एप, स्वयं एंट्री पोर्टल और जी.आई.एस. आधारित मानचित्रों का उपयोग किया जाएगा जिस पर 13 हजार करोड़ से अधिक का बजट निर्धारित किया गया हैं।श्री पुनिया ने कहा कि हमारे नेता जननायक राहुल गांधी तथा कांग्रेस पार्टी की लगातार मांग और दबाव के चलते प्रधानमंत्री को जातिगत जनगणना के आगे झुकना पड़ा हैं लेकिन जनगणना की यह अधिसूचना निराशाजनक हैं इसमें जातिगत आंकड़ो को शामिल किये जाने का कोई उल्लेख नहीं हैं देश की सबसे बड़ी आबादी को बिना गिने योजनाऐं बनाना उसी तरह हैं जैसे आंख बंद करके तीर चलाना। जातीय जनगणना हर हाल में होनी चाहिए और उसमें तेलंगाना का ताजा माडल अपनाना चाहिए।पूर्व सांसद ने अंत में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जातीय जनगणना से ही सामाजिक न्याय की सही योजना बन सकती हैं। सरकार जब भागीदारी की बात करती हैं तो उसे जातिवार गिनती से डर क्यों लगता हैं। देश में यदि सच्चा सामाजिक न्याय स्थापित करना हैं तो जातीय जनगणना इसकी नींव हैं जो गिना नहीं गया, वो दिखेगा नहीं और जो नही दिखेगा उसे उसका अधिकार कभी नहीं मिलेगा इसलिये कांग्रेस पार्टी की स्पष्ट मांग हैं कि केन्द्र सरकार स्पष्ट और पारदर्शी जातीय जनगणना की सार्वजनिक घोषणा करें जिसमें जातिगत आंकड़ो का उल्लेख स्पष्ट रूप से जोड़ा जाऐं।   

रिपोर्टर : नफीस अहमद

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