डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्य तिथि (बलिदान दिवस ) पर आयोजित हुई संगोष्ठी

बाराबंकी : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री अनूप गुप्ता ने कहा कि डॉक्टर मुखर्जी सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक एवं प्रखर राष्ट्रवादी थे। डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी कहा करते थे कि कोई भी राष्ट्र सिर्फ अपनी ऊर्जा के बलबूते सुरक्षित रह सकता है।देश के संसाधनों,साधनों और देश की प्रतिभा पर उनका अटूट विश्वास था।प्रदेश महामंत्री सोमवार को पटेल चौराहे के निकट स्थित एक निजी लॉन में बलिदान दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश को हताशा और निराशा से बाहर निकालने का उनका विजन आज भी करोड़ों लोगों को प्रेरणा देता है।देश के पहले उद्योग और आपूर्ति मंत्री के रूप में उन्होंने भारत की पहली औद्योगिक नीति बनाई।उन्होंने अपने विजनरी नेतृत्व से देश को लाभांवित किया।उनका मानना था यदि सरकार,शिक्षण संस्थान और औद्योगिक संगठन मिल कर काम करें तो देश जल्द ही आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त कर सकता है।वे कहा करते थे कि सरकार का पहला कर्तव्य निर्धन और घर विहीन लोगों की सेवा करना होना चाहिए।उनका मानना था कि शासन अंग्रेजों की तरह राज करने के लिए नहीं बल्कि नागरिकों के सपनों को पूरा करने के लिए होता है। डॉ. मुखर्जी जीवन पर्यन्त शिक्षा ,स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को लेकर चिंतित रहे। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन 1953 में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अखण्ड भारत के लिए बलिदान दिया था। उन्होंने आगे कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने आजादी के तत्काल बाद राष्ट्रीय एकता और अखंडता के साथ किए जा रहे खिलवाड़ को देखते हुए भारत सरकार से इस्तीफा दे दिया। भारतीय जन संघ के पहले अध्यक्ष के रूप में देश में एक नई राजनीतिक शुरुआत को आगे बढ़ाया। 1952 में संपन्न हुए देश के प्रथम चुनाव में डॉ.मुखर्जी सांसद चुनकर लोकसभा पहुंचे।प्रदेश महामंत्री ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने वर्ष 1952 के प्रथम आम चुनाव के बाद देश के संविधान में धारा 370 को शामिल करने के साथ ही कश्मीर में परमिट सिस्टम लागू कर दिया गया। तत्कालीन सरकार के लोगों ने ही देश की सुरक्षा के साथ राष्ट्रीय एकता और अखंडता को चुनौती देने का काम किया। इस पर डॉ. मुखर्जी ने एक देश, एक विधान और एक प्रधान का उद्घोष करते हुए कश्मीर में प्रवेश किया था। इस दौरान उन्हे गिरफ्तार कर लिया गया। डॉ मुखर्जी के नेतृत्व में जनसंघ के देशव्यापी कड़े विरोध के चलते सरकार ने परमिट व्यवस्था तो वापस ले ली , मगर जम्मू कश्मीर की जेल में डॉ. मुखर्जी ने 23 जून 1953 को अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया। उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि 'एक भारत ,अखंड भारत और सुरक्षित भारत' का जो सपना डॉ .मुखर्जी ने 1953 में देखा था उसे लगभग 65 वर्ष बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2019 को कश्मीर से धारा 370 समाप्त करके पूरा किया। आज जम्मू कश्मीर लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों के साथ भारत के संविधान की भावनाओं के अनुरूप एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पनाओं को साकार कर रहा।उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी के सपनों को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी दिन रात मेहनत कर रहे हैं।उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए समर्थ एवं मजबूत भारत की तस्वीर श्रोताओं के समक्ष रखी।जिला अध्यक्ष अरविंद मौर्य ने अतिथियों का स्वागत किया।संचालन जिला महामंत्री संदीप गुप्ता ने किया।पूर्व जिला अध्यक्ष अवधेश श्रीवास्तव ने सभी का आभार ज्ञापित किया।इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत,एमएलसी अंगद सिंह,पूर्व सांसद उपेन्द्र सिंह रावत,पूर्व विधायक शरद अवस्थी, अजीत प्रताप सिंह,संतोष सिंह,अवधेश श्रीवास्तव,अमरीश रावत,राम कुमारी मौर्य, डॉ विवेक वर्मा,विजय आनंद बाजपेई,रचना श्रीवास्तव,मनोज वर्मा,कौशल किशोर त्रिपाठी,अनूप यादव, रविनन खजांची,प्रमोद तिवारी,नीता अवस्थी,गुलनाज बानो,राजा कासिम,सर्वेश अवस्थी,सुनील मौर्य,राकेश पटेल सहित काफी संख्या में प्रबुद्धजन मौजूद रहे।इनसेट...
पौधारोपण करके लिया पर्यावरण संरक्षण का संकल्प। भाजपा के प्रदेश महामंत्री अनूप गुप्ता ने जिला कार्यालय पर पौधरोपण करके एक पेड़ मां के नाम अभियान की शुरुआत की। उन्होंने जकरंडा, आंवला , केशिया का पौधा रोपित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान पर्यावरण संरक्षण और मातृत्व के महत्व को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को पेड़ लगाने और पर्यावरण की रक्षा करने का संकल्प लेना चाहिए।
रिपोर्टर : नफीस अहमद
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