जहां स्कूल बंद किए जाएंगे वहां आम आदमी पार्टी उन गांव के अंदर और जिला मुख्यालयों पर आंदोलन करेगी-महेंद्र सिंह

बाराबंकी : मधुशाला खोल कर पाठशाला बंद करने की राजनीति को चलने नहीं देंगे योगी सरकार स्कूलों के ऊपर बुलडोजर चलाकर गरीब, दलित वंचित शोषित समाज के बच्चों के भविष्य पर बुलडोजर चला रही है बच्चों को शिक्षा से और शिक्षक को नौकरी से वंचित करने वाला है योगी आदित्यनाथ का शिक्षा मॉडल - महेंद्र सिंह

योगी सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों के मर्ज किए जाने को लेकर आप प्रदेश प्रवक्ता महेंद्र सिंह ने शुक्रवार को बाराबंकी जिला कार्यालय पर प्रेस वार्ता कर कहा कि 27000 सरकारी स्कूलों को बंद किए जाने के योगी सरकार के फैसले के खिलाफ लोगों में गुस्सा है और गांव-गांव में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। महेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले 4 सालों में 42 लाख बच्चों ने सरकारी स्कूलों की शिक्षा छोड़ी है, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 1 साल में यूपी में  8 लाख बच्चों ने सरकारी स्कूलों की शिक्षा छोड़ी है और प्रदेश की सरकार विद्यालय के ऊपर ही बुलडोजर चला रही है। बाराबंकी जिले के मसौली ब्लॉक में ग्राम मुंजापुर, देवकलीय के प्राथमिक स्कूलों पर बुल्डोजर चला दिया ।
उन्होंने कहा कि भाजपा के राज में मकान, दुकान, मंदिर, मस्जिद सभी पर बुलडोजर चलाया गया और अब स्कूल पर भी बुलडोजर चल रहा है। उन्होंने कहा कि 5695 स्कूल ऐसे हैं जहां केवल एक शिक्षक है, केवल अलीगढ़ में ही 58000 बच्चों ने सरकारी स्कूल की शिक्षा छोड़ दी।
उन्होंने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में जहां-जहां भी स्कूल बंद किए जाएंगे वहां आम आदमी पार्टी उन गांव के अंदर और जिला मुख्यालयों पर आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि हम विद्यालयों को कतई बंद नहीं होने देंगे, आम आदमी पार्टी इसकी लड़ाई लड़ने का काम करेगी।
आदित्यनाथ की सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों को बंद कर रही है योगी सरकार स्कूलों को मर्ज नहीं बल्कि बंद कर खत्म कर दे रही है ।
महेंद्र सिंह ने कहां मर्जर का मतलब स्कूलों को खत्म करना है, सरकारी स्कूलों को बंद करना है। 2024 में उत्तर प्रदेश में 27,308 मदिरालय खोले गए और वही 2025 में 27,000 विद्यालय बंद करने की सरकार की योजना है। महेंद्र सिंह ने कहा कि यह मदिरालय बनाम विद्यालय की लड़ाई है। अब उत्तर प्रदेश की जनता को तय करना है कि उन्हें मधुशाला चाहिए या पाठशाला चाहिए, उत्तर प्रदेश की जनता को दारू चाहिए या शिक्षा चाहिए।

महेंद्र सिंह ने कहा कि RTE एक्ट के अनुसार 6 से 14 साल तक की उम्र के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा दी जाएगी, जबकि 27000 सरकारी स्कूलों को बंद करके प्रदेश की सरकार शिक्षा के अधिकार का खुला उल्लंघन कर रही है। उन्होंने कहा कि 26000 स्कूल पहले ही बंद हो चुके हैं और अब 27000 स्कूल बंद हो रहे हैं, जिससे लगभग 1 लाख 35000 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति, 27000 प्रधानाध्यापको की नियुक्ति और हजारों की संख्या में शिक्षामित्र की नियुक्ति प्रभावित होगी।

महेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार तर्क दे रही है कि बच्चे कम आ रहे हैं, सवाल यह है कि बच्चों को प्रेरित करने की जिम्मेदारी किसकी है? आरटीई एक्ट में लिखा है कि 1 किलोमीटर के दायरे में स्कूल होना चाहिए और अगर आबादी को देखते हुए वहां स्कूल खोला गया है, तो उसे बंद करने का क्या कारण है? महेंद्र सिंह ने कहा कि स्कूलों में मिड डे मील की योजना इसलिए शुरू की गई थी की बहुत से ऐसे गरीब परिवार हैं जिनको अपने बच्चों को खाना खिलाने तक के पैसे नहीं है। ऐसे में मिड डे मील के लिए बच्चे स्कूल में आने के लिए प्रेरित हुए थे, लेकिन उत्तर प्रदेश में समय-समय पर मिड डे मील में नमक रोटी देने या खाने में कीड़े मकोड़े निकलने की बात सामने आती रही है। बजाय इसके की सरकार मिड डे मील की गुणवत्ता में सुधार करें वह मदिरालय खोलने में व्यस्त है।
प्रदेश प्रवक्ता महेंद्र सिंह ने पत्रकारों के माध्यम से प्रदेश की जनता से अपील की कि आपने देवालयों की लड़ाई बहुत लड़ी है इस बार विद्यालय के नाम पर लड़ाई लड़िए। 
उन्होंने कहा कि देवालयों के लिए बहुत लड़ाई हो चुकी, अब हमें विद्यालय के लिए संघर्ष चाहिए, हम उत्तर प्रदेश में बच्चों का भविष्य बर्बाद नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री तो गोबर से रोजगार देते हैं यानी उत्तर प्रदेश के लोगों को गोबर के ही लायक समझा जाता है। भाजपा की योजना है कि यह विद्यालय बंद करेंगे, हमें शिक्षा से वंचित करेंगे और हमारे दिमाग में गोबर भरने का काम करेंगे, हिंदू मुसलमान की राजनीति करेंगे और हमारी जिंदगी की बुनियादी जरूरत से हमें दूर कर देंगे, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।

रिपोर्टर : नफीस अहमद

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