फतेहपुर में हज़रत क़ासिम की याद में निकाला गया मेहंदी का जुलूस

बाराबंकी : जैसे जैसे माहे अज़ा मुहर्रम के दिन गुज़र रहे हैं वैसे वैसे ही मजालिसे अज़ा और मातमी जुलूस का सिलसिला आगे बढ़ रहा है। कल देर रात इसी क्रम में स्थानीय मस्तान रोड स्थित फाटक शेख़ बाक़र हुसैन से नमाज़े मग़रीब बाद हज़रत क़ासिम बिन हसन (अ) की याद में मेहंदी का जुलूस निकाला गया जो देर रात बड़ा इमाम बाड़ा सट्टी बाज़ार पहुंच कर समाप्त हुआ। हज़रत क़ासिम इमाम हुसैन के बड़े भाई इमाम हसन के पुत्र थे। कर्बला में मात्र 6 वर्ष की आयु में हज़रत क़ासिम नें अपनी जान की क़ुर्बानी दी! उक्त जुलूस में अलम, ताबूत और ज़ुल्जनाह (इमाम हुसैन के घोड़े का प्रतीक) भी था! जुलूस के आगे आगे इमाम हुसैन के सिद्धांतो (हुसैनियत) की विजय के रूप में हुसैनी बाजा बजाया जा रहा था! जुलूस में क़स्बे की मशहूर अंजुमन अब्बासिया अपने प्रसिद्ध अंदाज़ में नौहा खानी और मातम दारी कर रही थी! जुलूस में बड़ी संख्या में अज़ादारों ने शिरकत की! अंजुमन अब्बासिया ने भारत में अगर वो आ जाता ह्रदय में उतारा तो जाता और अँधियारा पाप के बादल का... हिंदी के प्रसिद्ध नौहा भी पढ़ रही थी। जुलूस की समाप्ति पर बड़ा इमाम बाड़ा में प्रसाद (तबर्रुक) बाटा गया।
रिपोर्टर - नफीस अहमद
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