डीएम ने व्यापारियों की मांग पर दिया आदेश। मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत
बाराबंकी - जिला स्तरीय उद्योग बंधु एवं श्रम बंधु समिति की बैठक में जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने उद्यमियों और व्यापारियों की समस्याओं के शीघ्र समाधान पर जोर देते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। इसी दौरान डीएम ने जिला अस्पताल के पीछे स्थित उस गेट को खोलने का आदेश जारी किया, जो पिछले आठ वर्षों से बंद था। यह गेट लैया मंडी मार्ग की ओर खुलता है और आसपास के कई मोहल्लों के लिए अस्पताल पहुँचने का आसान व सीधा मार्ग माना जाता है। बैठक में उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन के जिलाध्यक्ष जयदीप सिंह और महामंत्री भूपेंद्र शुक्ला ने गेट बंद होने से मरीजों व परिजनों को हो रही दिक्कतों का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि कई वर्षों से मांग करने के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही थी। इस पर जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से शर्तों के साथ गेट खोलने का आदेश दिया। कई बार खुलने–बंद होने का रहा इतिहास जानकारी के मुताबिक, यह गेट पहली बार वर्ष 2007 में बसपा सरकार के दौरान बंद किया गया था। उस समय व्यापारी नेता राजीव गुप्ता ‘बब्बी’ के नेतृत्व में विरोध किया गया, जिसके बाद वर्ष 2012 में गेट दोबारा खोल दिया गया। वर्ष 2017 में यह फिर से बंद कर दिया गया। शहर के पीरबटावन, घंटाघर, धनोखर, बेगमगंज, छोटी लाइन, रफीनगर, बंकी, सतप्रेमी नगर समेत आसपास के क्षेत्रों के लोग इमरजेंसी में अधिकतर इसी मार्ग से अस्पताल पहुंचते थे,इसी कारण इसे "जनता का गेट" कहा जाता रहा है। गेट खुला, सुरक्षा व्यवस्था भी सुदृढ़ डीएम के आदेश के बाद बुधवार को गेट को फिर से खोल दिया गया। जिला अस्पताल के CMS जे.पी. मौर्य ने बताया कि गेट पर बैरिकेडिंग लगा दी गई है। यह गेट प्रतिदिन रात 10.00 बजे से सुबह 10.00 बजे तक खुला रहेगा। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। अस्पताल परिसर में मरीजों के अलावा किसी भी अज्ञात वाहन के प्रवेश पर सख्ती बरती जाएगी और नियम उल्लंघन पर कार्रवाई की जाएगी। गेट खुलने से आसपास के हजारों नागरिकों व मरीजों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है और अस्पताल तक पहुंचना पहले की तुलना में काफी आसान होगा।
रिपोर्टर - नफीस अहमद


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