जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी की तत्परता से जनता खुश, अब जिला अस्पताल के बाद छोटी लाइन क्रॉसिंग की मांग तेज

जनपद /बाराबंकी : जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी बेहद कम समय में जनता की छोटी–बड़ी समस्याओं को गंभीरता से लेकर उनके समाधान के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने जिला अस्पताल का वह मुख्य गेट, जो पिछले 8 साल से बंद था, खोलने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया। यह गेट नेबुलित चौराहा की ओर पड़ता है और इसके खुलने से मरीजों व उनके परिजनों को बड़ी राहत मिली है। इस पहल के बाद बाराबंकी की जनता जिलाधिकारी की जमकर सराहना कर रही है। अब सबसे बड़ी मांग: छोटी लाइन क्रॉसिंग का समाधान।बाराबंकी शहर की एक और गंभीर समस्या है—छोटी लाइन क्रॉसिंग की अव्यवस्था, जो लोगों की जान के लिए बड़ा खतरा बन चुकी है। देवा रोड पर पुल निर्माण के बाद कारागार की ओर से होकर गुज़रने वाला रास्ता छोटी लाइन क्रॉसिंग से जुड़ा हुआ था, लेकिन रेलवे विभाग ने क्रॉसिंग के सामने दीवार खड़ी कर दी। जिससे लोगों का रोज़मर्रा का आवागमन अत्यधिक जोखिम भरा हो गया है। बच्चे ट्रेन के नीचे से झुककर गुजरने को मजबूर हैं, जबकि बुजुर्गों को दीवार फांदकर जाना पड़ता है। यह स्थिति किसी बड़ी दुर्घटना को दावत दे रही है। अब तक तीन हादसे, हाल ही में दीपक कश्यप की मौत। अभी हाल ही में इसी क्रॉसिंग पर तीसरा बड़ा हादसा हुआ।गांधीनगर–हड्डीगंज क्षेत्र के निवासी दीपक कश्यप दीवार फांदकर वापस लौट रहे थे, तभी तेज गति से  रही मालगाड़ी से टकराकर गंभीर रूप से घायल हो गए। ट्रॉमा सेंटर में उपचार के दौरान अगले दिन उनकी मृत्यु हो गई। इस दुखद घटना के बाद क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है। जनता की अपील—अब इस समस्या पर भी डीएम दें ध्यान। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि जिला अस्पताल का वर्षों पुराना विवाद जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने पलभर में सुलझा दिया, तो छोटी लाइन क्रॉसिंग की इस गंभीर और जानलेवा समस्या का समाधान भी जल्द संभव है। जनता उम्मीद कर रही है कि डीएम की नजर इस मुद्दे पर पड़ेगी, और समाधान होने के बाद जनता की सराहना और भी बढ़ेगी।

रिपोर्टर : नफीस अहमद

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