आखिर कौन था? डेढ़ करोड़ के ईनाम वाला माओवादी बसवाराजू इंजीनियर, युद्ध में माहिर था|

बस्तर : बसवराजू ने वारंगल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की बसवराजू ने 24 सालों से पोलित ब्यूरो के मेंबर के रूप में अपना काम चालू रखा था. उसने पार्टी के केंद्रीय सैन्य आयोग के प्रभारी के तौर पर भी काम किया. बसवराजू ने वारंगल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. उसने रिजनल इंजीनियरिंग कॉलेज वारंगल से बीटेक किया. बताया जाता है कि साल 1970 में उसने अपना घर छोड़ दिया था l
बसवराजू को युद्ध की कला आती थी. बसवराजू सैन्य कमान संभालता और आक्रामक हमले करता, इसके लिए उसे जाना जाता था l हमलों की प्लानिंग बनाने में भी वो माहिर था. उसे नंवबल्ला केशव राव गनगन्ना, विजय, दरपू नरसिम्हा रेड्डी, नरसिम्हा, प्रकाश, कृष्णा आदि नामों से भी जाना जाता था l
बसवराजू ने किन-किन हमलों की प्लानिंग की थी?
2010 दंतेवाड़ा हमला- इस नक्सली हमले में CRPF के 76 जवान शहीद हुए थे l
2013 जीरम घाटी हमला- इस नक्सली हमले में 27 लोग मारे गए थे, जिनमें छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री महेंद्र कर्मा और कांग्रेस नेता नंद कुमार पटेल शामिल थे l
2018 अराकू हमला- आंध्र प्रदेश के तेलुगु देशम पार्टी के विधायक किदारी सर्वेश्वर राव और पूर्व विधायक सिवेरी सोमा की हत्या की प्लानिंग भी बसवराजू ने की थी l
2019 गढ़चिरौली हमला- महाराष्ट्र के 15 कमांडो और एक अन्य व्यक्ति की हत्या में भी बवसराजू का हाथ था l
बसवराजू के बारे में जानें
उसका असली नाम नंवबल्ला केशव राव था, लेकिन उसे बसवराजू के नाम से भी जाना जाता था l
वह लगभग 70 साल का था l
वह श्रीकाकुलम जिले का रहने वाला था l
वह 2018 से CPI माओवादी संगठन का महासचिव था l
वह पिछले 35 सालों से माओवादी संगठन की केन्द्रीय कमेटी का सदस्य था l
वह एके 47 रायफल रखता था l
वह छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में सक्रिय था l
उस पर डेढ़ करोड़ रुपए का इनाम था l
उसने वारंगल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी l
वह वारफेयर में भी माहिर था l
रिपोर्टर - सुरेंद्र कुमार झाड़ी
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