यूपी विधानसभा चुनाव से पहले घोसी विधानसभा सीट पर घमासान...
उत्तर प्रदेश की राजनीति में घोसी विधानसभा सीट फिर सुर्खियों में आ गई है। समाजवादी पार्टी के विधायक सुधाकर सिंह के निधन के बाद यह महत्वपूर्ण सीट रिक्त घोषित कर दी गई है। विधानसभा सचिवालय के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। नियम के अनुसार, किसी भी रिक्त हुई विधानसभा सीट पर छह महीने के भीतर उपचुनाव कराना अनिवार्य है। ऐसे में घोसी में एक ही कार्यकाल में दूसरी बार उपचुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
20 नवंबर को लखनऊ के मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान सपा विधायक सुधाकर सिंह का निधन हो गया था। उनके निधन के एक सप्ताह बाद सीट औपचारिक रूप से रिक्त घोषित की गई। सुधाकर सिंह अपने क्षेत्र के सक्रिय और लोकप्रिय नेता माने जाते थे। उनके निधन ने मऊ के घोसी क्षेत्र की राजनीति में नई उथल-पुथल पैदा कर दी है।
घोसी सीट पर यह कार्यकाल (2022-2027) में दूसरी बार उपचुनाव होने जा रहा है। साल 2022 में सपा के दारा सिंह चौहान विधायक बने थे, लेकिन उन्होंने बाद में पार्टी और विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी जॉइन कर ली थी। इस कदम ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी थी। इसके बाद हुए उपचुनाव में सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह ने बीजेपी के दारा सिंह चौहान को हराकर जीत दर्ज की, जिसने प्रदेश में सपा की ताकत और पकड़ को मजबूत किया।
अब एक बार फिर घोसी में राजनीतिक माहौल चुनावी मुकाबले की ओर बढ़ रहा है। इस बार दांव और भी बड़ा है, क्योंकि उपचुनाव के परिणाम सीधे 2027 के विधानसभा चुनावों को प्रभावित कर सकते हैं। सत्तारूढ़ बीजेपी पिछली हार का बदला लेने और पूर्वांचल में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश करेगी, वहीं सपा इस सीट को बचाकर आगामी चुनावों के लिए मनोबल और गति बनाए रखना चाहेगी। ऐसे में घोसी में चुनावी अभियान तेज और आक्रामक रहने की संभावना है।
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